एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्पेसवॉक के मिशन को बाद में आगे बढ़ाया जाएगा। बता दें कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी ने ऐलान किया था कि इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स महिलाओं को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ( International Space Station ) (आईएसएस) में भेजा जाएगा। पहली बार यह मौका था जब केवल दो महिला एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसवॉक के लिए भेजा जाना था। क्योंकि इससे पहले महिलाओं और पुरुषों दोनों को स्पेस में भेजा जाता रहा है।
इसके साथ ही नासा के अंतरिक्ष यात्री एने मैकक्लेन और क्रिस्टीना कोच को धरती से बाहरी केंद्र की एक सौर व्यूह रचना पर शक्तिशाली लिथियम, आयन बैटरियां लगाने के लिए 29 मार्च को यह ऐतिहासिक स्पेसवॉक ( spacewalk )करना था। जिसमें वैज्ञानिक प्रयोगों के तहत नए उपकरणों को लगाना व सही करना होता है। साथ ही बिगड़े सैटेलाइट ( Satellite ) और स्पेसक्राफ्ट को सही स्पेसवॉक के जरिए किया जाता है।
बता दें कि मैकक्लेन और कोच का स्पेसवॉक की अवधि सात घंटे की थी। दोनों 2013 के एस्ट्रोनॉटक क्लास का हिस्सा रह चुकी थीं। जिसमें आधे से ज्यादा महिलाएं शामिल थीं। इस दौरान महिला एस्ट्रोनॉट्स के लिए दूसरी बार सबसे ज्यादा आवेदन मिले थे। इसी के साथ नासा में पचास प्रतिशत महिलाओं को डायरेक्ट रखा गया था।