बता दें कि एक बार फिर से इस तरह का आरोप लगाया गया है और वो ये है कि दूसरी दुनिया में जीवन के तथ्य को वैज्ञानिक छिपाते आएं हैं और आज भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। बता दें कि बकिंघम यूनीवर्सिटी के शोधकर्ता बैरी डिग्रेगोरियो का कहना है कि नासा मंगल ग्रह पर जिंदगी मौजुद होने के तथ्य को छिपा रही है। बता दें कि एजेंसी के स्पेस एकक्सप्लोरर ने मंगल ग्रह की कुछ तस्वीरें ली हैं जिसमें कुछ जीवाश्मों का पता लगाया गया है हांलाकि बैरी का कहना है कि नासा ने इस खोज को नज़रअंदाज किया और तो और चित्रों में दिख रही आकृतियों को नासा रॉक किस्ट्रल बताकर इस तथ्य से अपना मुंह मोड़ लिया।
बता दें कि बैरी मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीवों के अध्ययन में काफी दक्ष है और उनका ये कहना है कि क्यूरिओसिटी रोवर से जो भी तस्वीरें सामने आई है, उसमें आकृतियों के जोभी पैटर्न दिख रहे हैं वो धरती पर खींचे गए ऑर्डोवाशियन ट्रेस जीवाश्म के जैसे ही है। बैरी का कहना है कि नासा इसलिए इस तथ्य को मानने से इन्कार कर रहा है कि क्योंकि नासा की ये योजना है कि वो साल 2030 तक मंगल ग्रह में मानव मिशन को भेजेगा।