कुदरती आपदाओं में भूकंप सबसे बड़ी आपदा है जिसके बारे में अभी इंसानों को पूरी जानकारी भी नहीं हैं, 2001 में गुजरात में आये भूकंप को शायद ही कोई भूल हो जिसमें 20 हजार लोगों की जान चली गई थी, और 26 दिसंबर 2004 को 9.1 तीव्रता के भूकंप के बाद आई सुनामी ने तो पूरी दुनिया को हिला कर रखा दिया था, इस दैवी आपदा में 2 लाख 30 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। ये सभी घटनाएं धरती के घूमने की रफ्तार कम होने की वजह से हो रही हैं, वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती की घूर्णन गति या अपनी धुरी पर घूमने की गति धीमी होने के कारण ही भूकंपीय घटनाएं बढ़ने लगी है। एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि पाया कि सन 1900 के बाद से सात या इससे भी अधिक तीव्रता वाले भूकंपों की संख्या बढ़ गई है। 20वीं सदी के अंतिम के पांच वर्षों में पृथ्वी की घूर्णन गति में थोड़ी कमी आई तो सात से अधिक के तीव्रता वाले भूकंपों की तादाद बढ़ गई। वैज्ञानिकों ने इसके लिए हर साल 25 से 30 तेज भूकंप दर्ज किए। इनमे15 बड़े भूकंप माने गए।
वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया था कि धरती पर दिशा की जानकारी देने वाला मैग्ननेटिक नॉर्थ पोल (चुंबकीय उत्तरी ध्रुव) भी अपनी स्थिति बदल रहा है। बीते कुछ दशकों में पृथ्वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव इतनी तेजी से खिसका है कि पूर्व में लगाए गए अनुमान अब जलमार्ग के लिए सही नहीं बैठ रहे हैं। इससे जलमार्ग के जरिए होने वाले आवागमन में कई तरह की समस्यायें भी देखने को मिल रही है।
इससे पहले लंदन के वैज्ञानिक अपने अध्ययन में पाया था कि यदि धरती इसी तरह से घूमने का गतिमान बना रहेगा। तो हवा का रूख 1,670 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने लगेगा। यह तूफानी हवा रास्ते में आने वाली हर चीज को ध्वस्त करती चली जाएगी। मनुष्य किसी बंदूक की गोली की रफ्तार से एक दूसरे से टकराएंगे। इसके साथ ही पृथ्वी में चुंबकीय क्षेत्र समाप्त हो जाएगा। उस समय का वातावरण एक परमाणु विस्फोट के जैसा ही होगा, जिससे नाभिकीय व अन्य प्रकार के प्राण घातक विकिरण फैल जाएंगे। नारंकी के आकार वाली पृथ्वी पूरी तरह से गोल हो जाएगी। समद्रों का पानी एकाएक उछाल मार कर बाढ़ की स्थिति पैदा करेगा। इसके बाद पृथ्वी पर आधे साल दिन तो आधे साल रात रहेगी। इससे धरती पर इंसानों की आबादी खत्म हो जाएगी। हालांकि, नासा के वैज्ञानिकों ने इसे मानने से इंकार किया है उनकी मानें तो कई अरब साल तक ऐसी घटना होने की कोई संभावना नहीं है।