scriptNASA के मंगल ओडिसी ने फोबोस की पहली तस्वीर ली | NASA satellite Mars Odissi takes first photo of Phobos | Patrika News

NASA के मंगल ओडिसी ने फोबोस की पहली तस्वीर ली

Published: Oct 08, 2017 09:15:30 pm

NASA ने एक बयान में कहा है कि थर्मल-इंफ्रारेड तरंगों के कई बैंडों ने सतह की खनिज संरचना और बनावट की जानकारी जुटाई है।

Phobos

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वॉशिंगटन। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी ने 16 सालों तक मंगल ग्रह का चक्कर लगाने के बाद पहली बार मंगल के चंद्रमा फोबोस की तस्वीरें कैमरे में कैद की है। 2001 में लॉन्च किए गए मार्स ओडिसी के द थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम (टीएचईएमआईएस) नामक कैमरे ने 29 सिंतबर को फोबोस की तस्वीरें लीं।

फोबोस अंडाकार आकृति का है और इसका औसत व्यास करीब 22 किलोमीटर है। अन्य मंगल यान ने इससे पहले फोबोस की हाई-रिजोल्यूशन वाली तस्वीरें ली थीं, लेकिन वैज्ञानिकों को इंफ्रारेड संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली।

नासा ने एक बयान में कहा है कि थर्मल-इंफ्रारेड तरंगों के कई बैंडों ने सतह की खनिज संरचना और बनावट की जानकारी जुटाई है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से टीएचईएमआईएस मिशन के योजनाकार जोनाथन हिल ने कहा, टीएचईएमआईएस हालांकि पिछले 16 सालों से मंगल पर है, लेकिन पहली बार हम फोबोस को देखने के लिए अंतरिक्ष यान को मोडऩे में सक्षम हुए हैं।

 

क्षुद्रग्रह जा रहा नासा का अंतरिक्ष यान पृथ्वी के पास से गुजरा
क्षुद्रग्रह का नमूना भेजने वाला नासा का अंतरिक्षयान शुक्रवार को बेनू नामक क्षुद्रग्रह के लिए जाते समय पृथ्वी के पास से होकर गुजरा। यह अगले अगस्त में क्षुद्रग्रह पर पहुंचेगा। नासा ने कहा कि ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स (ओरिजिन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, एंड सिक्युरिटी- रीगोलिथ एक्सप्लोरर) अंतरिक्ष यान शुक्रवार को पूर्वी समयानुसार अपराह्न 12.52 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10.22 बजे) अंटार्कटिका के 17,237 किलोमीटर के दायरे में आया और उसके तत्काल बाद प्रशांत महासागर के ऊपर उत्तर दिशा की ओर मुड़ गया।

मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोदार्ड अंतरिक्ष उड़ान केंद्र में इस अंतरिक्ष यान के परियोजना प्रबंधक रिच बन्र्स ने कहा, क्षुद्रग्रह बेनू से हमारी मुलाकात के रास्ते में इस अंतरिक्ष यान का पृथ्वी के पास आना एक मौलिक घटना है।

ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स अंतरिक्ष यान वर्तमान में सात वर्ष की यात्रा पर है, जो अध्ययन के साथ, बेनू का नमूना लेकर धरती पर लौटेगा। इस आदिम क्षुद्रग्रह के नमूने से वैज्ञानिकों को 4.5 अरब से अधिक साल पहले हमारे सौर मंडल के गठन को समझने में मदद मिलेगी।

इस अंतरिक्ष यान को आठ सितंबर, 2016 को एटलस वी 411 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था। हालांकि रॉकेट ने अंतरिक्ष यान को बेनू की ओर बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी गति प्रदान कर दी थी, लेकिन ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स को अपनी कक्षा बदलने के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से अतिरिक्त प्रोत्साहन की जरूरत थी।

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