जी हां ऐसा मुमकिन हो पाया है वैज्ञानिकों की कड़ी महनत और आला दर्जे के तकनीक की बदौलत। दरअसल यह डिवाइस एक कम्प्यूटर सिस्टम पर काम करता है तो किसी भी शख्स के दिमाग में हो रही हलचल को पहले तो एनालाइज़ करता है और और उसके बाद इन्हें शब्दों में बदल देता है। बता दें कि यह डिवाइस सर पर पहना जा सकता है। एक बार आप किसी शख्स के सिर और चेहरे पर इस डिवाइस को लगा देते हैं तो आप ये बात जान सकते हैं कि उस शख्स के दिमाग में क्या चल रहा है।
दरअसल इस डिवाइस में इलेक्ट्रोड लगे होते हैं जो कुछ सोचने के बाद दिमाग में पैदा होने वाली तरंगो को आसानी से पकड़ लेते हैं इसके बाद इन तरंगों को शब्दों में बदलकर यह बता देते हैं कि सामने वाले के दिमाग में क्या चल रहा है। इस डिवाइस के मुख्य शोधकर्ताओं में भारतीय मूल के वैज्ञानिक अर्नव कपूर भी शामिल हैं। अर्नव ने कहा है कि इस उपकरण में लगे इलेक्ट्रोड यूजर के जबड़े और चेहरे के संकेतों से न्यूरोमालिक्यूलर सिग्नल को पकड़ते हैं जिससे वो दिमाग में चल रही बातों को आसानी से समझ सकते हैं।
ये न्यूरोमालिक्यूलर सिग्नल तब पैदा होते हैं जब हम अपने मन में कुछ सोच रहे होते हैं, इन्हीं सिग्नल्स को ये डिवाइस पकड़ लेता है और फिर इसे कम्प्यूटर सिस्टम में एनालाइज़ करके बता देता है कि सामने वाला क्या सोच रहा है। आपको बता दें कि ये डिवाइस अभी टेस्ट रन पर है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस डिवाइस का इस्तेमाल मुजरिमों से जुर्म क़ुबूल करवाने के लिए भी किया जा सकता है।