मीर चाहते हैं कि कोई कंपनी सामने आए और उनकी तकनीक से किफायती कंसंट्रेटर बनाकर लोगों की जान बचाने में मदद करे। इसमें कंप्रेसर, कूलिंग कॉइल, रिजरवायर, 6 सोलिनाइड वाल्व, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट जियोलाइट का इस्तेमाल किया गया है। बकौल मीर इस समय ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मची है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बाजार में एक से डेढ़ लाख रुपए में बिक रहे हैं।
पहले भी किए कई आविष्कार-
मीर 12वीं पास हैं। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। विज्ञान-तकनीक के प्रति उनकी लगन खत्म नहीं हुई। उन्होंने समय-समय पर कई आविष्कार किए। लोगों के बीच न्यूटन नाम से जाने जाते हैं। वह ऑटोमेटिक वैंटिलेटर व डिसइंफेक्ट टनल का प्रोटोटाइप, टचलेस सैनिटाइजिंग मशीन आदि उपकरण बना चुके हैं। मीर ने बताया कि बचपन में वह अपने शिक्षक से इतने सवाल करते थे कि बात कहासुनी पर पहुंच जाती थी। उन्हें क्लास से बाहर निकाल दिया जाता था।
किया जा सकता है मोडिफाइ-
मीर ने कहा, प्रोटोटाइप में सबसे अहम जियोलाइट है,जो अशुद्ध गैसों को ब्लॉक करती है। यह कितने लोगों को राहत देगा, यह काम में लिए गए कंप्रेसर व फिल्टर पर निर्भर करेगा। अधिक रोगियों के लिए इसे मोडिफाइ करना होगा।