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मिल गई वो तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में सकेगी स्टोर

locationजयपुरPublished: Apr 13, 2021 02:52:47 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

1 ग्राम डीएनए में 2.15 करोड़ डिजिटल डेटा स्टोर कर सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में स्टोर कर सकेगी

वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में स्टोर कर सकेगी

शोधकर्ताओं ने हमारे डिजिटल डाटा को कम से कम त्रुटियों के साथ चार-वर्णों (four-letter genetic alphabet) की आनुवंशिक वर्णमाला में बदलने की नई तकनीक विकसित की है। यानी अब हकीकत में सिंथेटिक डीएएनए में डिजिटल डेटा स्टोर किया जा सकेगा। यानी हमसे जुड़ी जानकारी हजारों साल तक सिंथेटिक डीएनए के रूप में संग्रहित रहेगी। एक ग्राम डीएनए में 215 पेटाबाइट्स डेटा (2.15 करोड़ जीबी) संग्रहण की क्षमता होती है।

बाइनरी फाइलों की एनकोडिंग
न्यू मैक्सिको की लॉॅस अलामोस नेशनल लैबोरेट्री (Los Alamos National Laboratory (LANL)) के शोधकर्ताओं ने एक कोडेक्स विकसित किया है जो सिंथेटिक डीएनए के एक अणु में इन बाइनरी फाइलों को स्टोर करने के लिए आवश्यक जैविक एन्कोडिंग (biological encoding ) में अनुवाद करता है। यह प्रक्रिया डीएनए की संरचना को A, C, G और T letter में प्रदर्शित करती है। पहले ऐसा करने में गलती करने की दर बहुत ज्यादा थी क्योंकि डिजिटल दुनिया की तुलना में डीएनए स्टोरेज अलग-अलग स्रोतों से बनता है।

वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में स्टोर कर सकेगी
यह कोडेक्स बाइनेरी से डीएनए में एन्कोडिंग और डीएनए से बाइनेरी में डिकोडिंग करने में भी सक्षम है। लैब के कंप्यूटर वैज्ञानिक और परियोजना के प्रमुख अन्वेषक लाचेसर इयोंकोव ने बताया कि उनका बनाया यह सॉफ्टवेयर एडेप्टिव डीएनए स्टोरेज कोडेक्स (the Adaptive DNA Storage Codec (ADS Codex) कंप्यूटर से उस डेटा का अनुवाद करता है, जिसे जीव विज्ञान (biology) समझता है। यह शोध उस प्रोग्राम का हिस्सा है जिसका उद्देश्य 24 घंटे के भीतर 1 TB (टेराबाइट) जितना डेटा लिखने और 10 टेराबाइट जितना डेटा पढऩे में सक्षम डीएनए भंडारण तकनीकों को विकसित करना है।
वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में स्टोर कर सकेगी

यह होगा फायदा
इस तकनीक की मदद से डेटा स्टोरेज करने के लिए लाखों-करोड़ों कम्प्यूटर, मैग्नेटिक टेप, ऑनलाइन सर्वर और क्लाउड स्टोरेज की जरुरत नहीं पड़ेगी। डीएनए के एक अणु में हम अपने एक साल के बराबर का डेटा हजारों सालों के लिए सिंथेटिक डीएनए के रूप में संग्रहीत कर सकेंगे। इससे पृथ्वी पर मौजूद हर चीज की जानकारी स्टोर की जा सकेगी। मैग्नेटिक टेप की तुलना में डीएनए स्टोरेज को संभालना ज्यादा आसान, कुशल और आने वाले सालों में कम खर्चीला होगा। एक सिंथेटिक डीएनए स्ट्रैंड में संग्रहीत डेटा लंबे समय तक सुरक्षित बना रहता है और इसका रखरखाव भी नहीं करना पड़ता। डीएनए स्टोरेज की सबसे पहले शुरुआत 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक परीक्षण के रूप में की गई थी। तब आर्टिस्ट जो डेविस की कलाकृति की हूबहू नकल को डीएनए स्टोरेज के रूप में एन्कोडेड किया गया था।

1 ग्राम डीएनए में 2.15 करोड़ डेटा स्टोरेज
साल 2024 तक इंसान से जुड़ी तमाम जानकारी डीएनए के एक छोटे भाग में ही स्टोर की जा सकेगी। यानी हमसे जुड़ी जानकारी हजारों साल तक सिंथेटिक डीएनए के रूप में संग्रहित रहेगी। एक ग्राम डीएनए में 215 पेटाबाइट्स डेटा (2.15 करोड़ जीबी) संग्रहण की क्षमता होती है।
वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जो डिजिटल डेटा को डीएनए में स्टोर कर सकेगी

क्या होता है डीएनए डेटा स्टोर
आज हम प्रतिदिन जितनी मात्रा में डेटा का उत्पादन कर दरहे हैं उसे सहेज के रखने के लिए हमासरे पास पर्याप्त स्टोरेज नहीं है। ऐसे में हजारों सालों तक मानव विकास से जुड़ी जानकारियों और डेटा को सुरक्षित रखने के लिए हमें ज्यादा भंडारण क्षमता की जरूरत है। डीएनए एक दिन हार्ड ड्राइव, टेप और अन्य भंडारण माध्यमों को बदल सकता है। यह बहुत जल्द संभव होने वाला है। वैज्ञानिकों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में डीएनए का उपयोग करके सैकड़ों मेगाबाइट डेटा को एन्कोड किया गया है। इसमें पृथ्वी पर मौजूद हर चीज की जानकारी स्टोर की जा सकेगी।

2024 तक 30 फीसदी कंपनियां जुड़ेगी
आने वाले चार वर्षों में ही डीएनए स्टोरेज से दुनिया के 30 फीसदी डिजिटल व्यवसाय जुड़े होंगे। यहां हम अपने एक साल के बराबर का डेटा हजारों सालों के लिए ङ्क्षसथेटिक डीएनए के रूप में संग्रहीत कर सकेंगे। अभी डिजिटली रूप से data स्टोर करने की अवधि अधिकतम 30 साल तक ही है।

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