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रोबोट्स ने छीन लिया हैं 50 लाख लोगों के हाथों से रोजगार

Published: Jul 03, 2016 04:50:00 pm

एआई और रोबोटिक्स का पहला निशाना होगा फैक्ट्रियां। साथ ही वर्किंग कंडीशन जैसे मुद्दे भी रोबोट्स के लिए मायने नहीं रखते हैं

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने पिछले दो दशकों के दौरान हर क्षेत्र में पांव पसारे हैं। उन्नत रोबोटिक्स के जरिये एआई ने एक और औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात किया है। इसमें मशीनों की ही भूमिका नहीं, ऐसी भी मशीने हैं जिन्होंने मानव की भूमिका को ही खत्म कर दिया है। जनवरी, 2016 में प्रकाशित वल्र्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार एआई और रोबोटिक्स के कारण भारत, अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, चीन समेत 15 देशों में 50 लाख नौकरियों पर संकट आ गया है। यानी एआई की वजह से 50 लाख को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

इसे समझने के लिए हॉलीवुड फिल्म ‘टर्मिनेटर’ जैसी परिस्थितियां जानना जरूरी नहीं है। सीधा सा तर्क है कि रोबोट काफी हद तक आदर्श कर्मचारी हो सकता है। पावर बैकअप के साथ रोबोट काफी देर तक बिना थके काम कर सकता है। लागत के अलावा रोबोट को पगार देने का भी झंझट नहीं है। साथ ही रोबोट गुणवत्ता और सटीकता का वो स्तर कायम रख सकता है जो कि इंसान के बूते से बाहर है। ये सब रोबोट बिना शिकवा-शिकायत के पूरे करने में सक्षम होता है।

एआई और रोबोटिक्स का पहला निशाना होगा फैक्ट्रियां। साथ ही वर्किंग कंडीशन जैसे मुद्दे भी रोबोट्स के लिए मायने नहीं रखते हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार चीन में कई फैक्ट्रियों से सभी कर्मचारियों को निकाल कर रोबोट्स को काम सौंप दिया गया है। अमरीका की मशहूर फूड चेन काल्र्स जूनियर ने तो दो टूक शब्दों में कहा है कि न्यूनतम पगार बढ़ाने से अच्छा है कि हम मानव श्रम की बजाए रोबोट रखें। लेकिन हालात इतने भी विकट नहीं हैं। रोबोट को हर काम में नहीं लिया जा सकता है। विशेषज्ञता वाले पेशे जैसे डॉक्टर, कानून और विज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में रोबोट मानव का स्थान नहीं ले सकते हैं।

एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
– 1956 में पहली बार दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नाम से रू-ब-रू हुई थी।
– 2029 तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वयस्क मानव की बुद्धिमता की बराबरी कर लेगी।
– 3.5-2.5 के स्कोर से 1997 में डीप ब्लू कंप्यूटर ने शतरंज चैंपियन गैरी कास्पोरोव को हराया था।
– 2.2 किमी. तक अंधेरे में द. कोरियाई सुपर एजीस-2 सेंट्री बोट मानव जैसेटार्गेट को निशाना बना सकता है।
– 125 मील की दूरी पर ‘नॉटिलस’ ने बता दिया था कि ओसामा बिन लादेन कहां छिपा है।
– 110 लाख डॉलर निवेश टेस्ला कंपनी ने किया है, एआई को मानव से आगे निकलने से रोकने के लिए
– 20 वॉट एनर्जी ही खपाता है मानव मस्तिष्क जबकि सुपरकंप्यूटर मेगावॉट्स में बिजली खपाते हैं।
– 08 मेगावॉट बिजली चाहिए ब्लू ब्रेन को संचालित करने के लिए, इतनी ऊर्जा में 1600 घर रोशन हो सकते हैं।
– 16000 कंप्यूटर और एक अरब कनेक्शन स्थापित कर गूगल ने ब्रेन की नकल बनाई। कंप्यूटर्स ने मानव अंग, बिल्ली व वस्तुओं को पहचाना
– 70 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती है गूगल की ड्राइवर रहित कार। 2008 में आई गूगल की ड्राइवर लैस कार
– 2020 तक रोल्स रॉयस कंपनी ने गैर मानव संचालित कार्गोशिप समुद्र मे उतारने का दावा किया है।

एलविन टॉफलर ने पहले ही दे दिया था आइडिया
एलविन टॉफलर ने 70 के दशक में औद्योगिक, तकनीकी बदलावों पर फ्यूचर शॉक किताब लिखी इंफॉर्मेशन ओवरलोड शब्द टॉफलर ने तभी दे दिया था, जिससे हम जूझ रहे हैं। क्लोनिंग, पर्सनल कंप्यूटर, इंटरनेट का टॉफलर ने पहले ही अंदाजा लगा लिया था। नॉलेज और डेटा बेस्ड इकोनॉमी में हमारी दुनिया 20वीं सदी में तब्दील हो जाएगी।
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