scriptन्यू रिसर्च : वर्चुअल मीटिंग में अहम है आवाज की भूमिका | Role of voice is important in virtual meeting | Patrika News

न्यू रिसर्च : वर्चुअल मीटिंग में अहम है आवाज की भूमिका

locationनई दिल्लीPublished: Jun 11, 2021 08:17:50 am

‘वर्क फ्रॉम होम’ संस्कृति के चलते दुनिया भर की कम्पनियों का कामकाज ऑनलाइन हुआ है। कम्पनियों को यह वर्क-कल्चर फायदेमंद लगा है।

न्यू रिसर्च : वर्चुअल मीटिंग में अहम है आवाज की भूमिका

न्यू रिसर्च : वर्चुअल मीटिंग में अहम है आवाज की भूमिका

फ्रांसिस श्वाट्सकॉफ (ब्लूमबर्ग)

कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल मीटिंग्स सर्वव्यापी हो गई हैं। ‘वर्क फ्रॉम होम’ संस्कृति के चलते दुनिया भर की कम्पनियों का कामकाज ऑनलाइन हुआ है। कम्पनियों को यह वर्क-कल्चर फायदेमंद लगा है तो हम भी इसके अभ्यस्त हो रहे हैं। पर दूसरी ओर, यह चिंता भी रहती है कि स्क्रीन पर चेहरा कैसा दिखता है, मीटिंग में बॉडी लैंग्वेज कैसी है, फॉर्मल कैसे दिखेंगे आदि? बच्चों के शोरगुल या पालतू बिल्लियों की आवाज से मीटिंग में बाधा तो नहीं पड़ेगी? और सबसे बड़ी बात, यदि आप महिला हैं तो आपकी आवाज बड़ी चिंता का मुद्दा हो सकती है।

तमाम वीडियो कांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर किए गए नए शोध से पता चला है कि जूम, स्काइप और टीम्स जैसी सर्विसेज हमेशा ही अपने यूजर्स को सभी ध्वनियां समानरूप से प्रसारित नहीं करती हैं। सदर्न डेनमार्क यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर ओलिवर नीबुहर और मैगडीबर्ग विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर इंगो सीगर्ट के मुताबिक आवाजें संकुचित हो जाती हैं, इस प्रक्रिया में सभी फ्रीक्वेंसी बची नहीं रह पाती हैं, और अस्पष्ट सुनाई पड़ती हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, विशेषकर महिलाओं की आवाजें प्रभावित होती हैं, उनकी आवाजें पुरुषों की तुलना में कम अभिव्यंजक और करिश्माई लगती हैं। उनके अनुसार इंटरनेट कनेक्शन बाधित होने से यह पहलू और भी हावी हो जाता है, जिससे महिलाओं को ज्यादा असुविधा झेलनी पड़ती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी में और सुधार की आवश्यकता बताई। ओलिवर नीबुहर के अनुसार, यदि आप किसी व्यक्ति को किसी मुद्दे पर मनाना चाहते हैं, उसकी रुचि आप में बनी रहे तो यह जरूरी है कि आप चमत्कारिक व्यक्तित्व के दिखें। इस संदर्भ में हमारी आवाज अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो