रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के अनुसार रूस के इस रॉकेट का नाम फ्रीगेट-एसबी (Fregate-SB) है। इसे साल 2011 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। यह रूस का जासूसी सैटेलाइट था, लेकिन इसने पिछले साल काम करना बंद कर दिया था। भारतीय समयानुसार यह रॉकेट सुबह 10.30 से 11.30 बजे के बीच हिंद महासागर के ऊपर क टूटा है। अब उसका कचरा धरती की कक्षा में तैर रहा है।
रूसी एजेंसी के मुताबिक रॉकेट का अगला हिस्सा टूटा है। वहीं अमेरिका का यूएस 18 स्पेस कंट्रोल स्क्वाड्रन का कहना है कि रॉकेट के टूटने के बाद उसके 65 टुकड़े देखे गए हैं, जो धरती के ऊपर चक्कर लगा रहे सैटेलाइट्स के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ईएसए भी रूस के इस रॉकेट के कचरे को ट्रैक कर रही है। जिससे खतरे को टाला जा सके।