दरअसल वैज्ञानिक सेसेमिक तकनीक के जरिए ये पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि धरती से ध्वनि की तरंगे नीचे कैसे गुजरती है। इसी दौरान हीरे के इस अपार भंडार की जानकारी मिली। कहा जा रहा है कि हीरे का ये भंडार धरती की सतह से 190 मील नीचे है। यानी हीरा धरती से करीब 250 किलोमीटर नीचे हैं, जिसे खोदा तक नहीं जा सकता क्योंकि धरती पर इतना नीचे कोई नहीं पहुंच सकता।
क्या हो अगर प्रेग्नेन्सी में महिला फिर हो जाए प्रेग्नेंट…साइंस की ये सच्चाई उड़ा देगी होश मैसाच्युसट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की तरफ से शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा कि दरअसल धरती के इतना नीचे जाना किसी इंसान के लिए फिलहाल संभव नहीं है और इसी कारण हीरे का ये भंडार धरती पर लाया नहीं जा सकता।
आपको बता दें कि हीरे कार्बन से बनते हैं। धरती की गहराई में तेज दबाव और अत्याधिक तापमान में हीरे बनते हैं। बिलकुल ठीक सोने की तरह यह सतह के पास तभी आते हैं जब ज्वालामुखी फटे, जो दुर्लभ होता है। इस तरह के ज्वालामुखी विस्फोट लाखों-करोड़ों सालों में एक बार होते हैं।
सूर्य के सबसे नजदीक पहुंच जाएगा नासा का ये यान, झेलेगा 1370 डिग्री तापमान खुद सोचिए धरती पर मौजूद हीरे से हजार गुणा ज्यादा जब धरती के नीचे पड़ा है तो उसकी कीमत क्या होगा और क्या कभी वैज्ञानिक धरती में दबे इस बेशकीमती भंडार को धरती पर लाने के प्रयासों में सफल होंगे। अगर ऐसा होता है तो यह बहुत बड़ी बात मानी जाएगी क्योंकि इसके बाद धरती में दबे बेशकीमती खनिज और धातुओं को भी धरती पर लाया जा सकेगा।