इसके साथ ही बार-बार खींचे और मोड़े जाने पर भी यह बायो बैटरी लगातार बिजली पैदा करने में सक्षम है। रीयल टाइम इंफार्मेशन कलेक्शन के लिए लचीले और खिंचावदार विद्युत उपकरणों की जरूरत है, जिन्हें कई तरह के प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा सके। हमने सतत, नवीनीकरण और ईकोफ्रेंडली क्षमताओं के कारण इस तरह की बायो बैटरी बनाने पर विचार किया क्योंकि यह काफी जरूरी ऊर्जा तकनीक है।
प्रफेसर ने यह भी बताया, “अगर हम ऐसा मानें कि मानव शरीर में कोशिकाओं से ज्यादा बैक्टीरियल सेल्स होते हैं जो पावर रिसॉर्स के तौर पर काम कर सकते हैं।” इस रिसर्च को नैशनल साइंस फाउंडेशन, बिंगम्टन यूनिवर्सिटी फाउंडेशन की मदद से किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ये तकनीक पूरी दुनिया को उनके दैनिक काम आसानी से करने में मददगार साबित होगी।