जी, हां क्वींस यूनिवर्सिटी बेलजस्ट के वैज्ञानिकों के एक रिसर्च के माध्यम से इस बात का पता लगाया है कि सूर्य के वातावरण में चुंबकीय तरंगों के कारण ऊष्मा पैदा होती है और गर्म हवाएं चलती है।
काफी लंबे समय से ये वैज्ञानिक दावा कर रहे है कि इन चुंबकीय तरंगो से सूर्य के धरातल को गरम होने में मदद मिलती है। इस बात को पता करने के लिए क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलजस्ट के वैज्ञानिकों ने न्यू मेक्सिको में सूर्य की चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन किया और इसके लिए उन्होंने उच्च क्षमता से सम्पन्न डन सोलर टेलिस्कोप तथा नासा के सोलर डायनामिक्स ऑब्जरवेटरी का उपयोग किया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये तरंगे ठीस उसी प्रकार से काम करती है जैसे कि एमआरआइ के मशीन में चुंबकीय तरंगों का प्रयोग किया जाता है। बता दें कि सूरज की रोशनी को घटक रंगो में बांटकर उसके वायुमंडल में उपस्थित तत्वों जैसे कि आयरन और कैल्शियम इत्यादि की जांच की गई।
अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई कि अल्फवेन तरंगे प्लाजमा के तापमात्रा को बढ़ाती है और फलस्वरूप सूर्य के वायुमंडल में परिवर्तन काफी तेजी के साथ होता है। इससे संबधित ही एक ओर रिसर्च की गई थी और इस रिसर्च को करने वाले थे स्वीडिश वैज्ञानिक हनेस अल्फवेन।
साल 1942 में अपने द्वारा किए गए इस रिसर्च के माध्यम से उन्होंने कहा था कि सूरज के प्लाज्मा पर चुंबकीय गतिविधियां देखने के बाद उन्हें कई नई तंरगों का पता लगा और इन तरंगों को उन्होंने अल्फवेन तरंगो का नाम दिया।
उनके इस खोज के लिए उन्हें साल 1970 में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।