विज्ञान और टेक्नोलॉजी

खगोलविदों के हाथ लगी बड़ी सफलता, नासा के पुराने आंकड़ों से 50 नए ग्रहों की हुई खोज

New Planets Found : लर्निंग एल्गॉरिदम के जरिए शोधकर्ताओं ने नास के आंकड़ों को समझने की कोशिश की
शोध में पाया कि कुछ ग्रह नेप्च्यून से बड़े और पृथ्वी से छोटे हैं

Aug 27, 2020 / 11:51 pm

Soma Roy

New Planets Found

नई दिल्ली। यूं तो खगोलविद (Astronomers) अक्सर अंतरिक्ष में नए-नए ग्रहों की खोज करते रहते हैं, लेकिन इस बार उनके हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। उन्हें एक या दो नहीं बल्कि पूरे 50 नए ग्रहों के बारे में पता चला है। वैज्ञानिकों ने इन नए ग्रहों की खोज नास (NASA) के पुराने आंकड़ों का अध्ययन कर लगाया है। इसमें शोधकर्ताओं ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का भी उपयोग किया है। इस दुर्लभ खोज को ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने अंजाम तक पहुंचाया है। इसे एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
वार्विक यूनिवर्सिटी के खगोलविदों और कम्प्यूटर साइंस के वैज्ञानिकों ने एक खास मशीन से लर्निंग एल्गॉरिदम बनाया। इसी की मदद से नासा के पुराने आंकड़ों का अध्ययन किया जिसमें संभावित ग्रह होने के बारे में बताया गया था। वैज्ञानिकों ने नासा के रिटायर हो चुके केप्लर स्पेस टेलीस्कोप के आंकड़ों का अध्ययन किया। इसमें उन्होंने नौ साल तक अंतरिक्ष में उसके बिताए डाटा का विश्लेषण किया। इसके बाद एगोरिदम के जरिए ग्रहों के अनगिनत आंकड़ों में से सही ग्रहों को छांटा गया। इसी प्रक्रिया के बाद 50 बाह्यग्रहों के बारे में पता चला। उनकी ये पड़ताल पिछले सप्ताह मंथल नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुई है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि बाह्यग्रह अपने तारे का चक्कर लगाते हैं। इनके आकार नेप्च्यून से बड़े और पृथ्वी से छोटे हैं। वहीं कुछ ग्रहों की कक्षा का समय 200 दिन का होता है तो कुछ केवल एक ही दिन में अपने सूर्य का चक्कर पूरा कर लेते हैं। शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का उपयोग वर्तमान में चल रहे और भविष्य के टेलीस्कोप अभियानों में मददगार साबित होंगे।

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