इस शोध में हवा से ऐसा करना भी संभव हो गया है। टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के इकोलॉजिस्ट मैथ्यू बान्र्स ने कहा कि पिछले दशक में पौधे व जानवरों की आबादी का अध्ययन और प्रबंधन करने के लिए ईडीएनए संग्रह तथा विश्लेषण महत्त्वपूर्ण साबित हुआ है।
निर्वात क्षेत्र से जुटाए नमूने-
क्लेयर और उनके साथियों ने बंद बाड़े में मौजूद छछूंदर के आस-पास के क्षेत्र को निर्वात बना नमूने लिए। पहले पौधों पर शोध में पौधों के परागकणों के रूप में डीएनए छोडऩे का पता लगा। वहीं जानवर लार और मृत त्वचा कोशिकाओं के रूप में हवा में डीएनए छोड़ते हैं। शोधकर्ताओं ने एचईपीए जैसे फिल्टर से नमूने लेकर डीएनए सिक्वेंसिंग की व डेटा के आधार पर विश्लेषण किया।
छछूंदर के साथ मानव डीएनए भी मिला-
शोधकर्ताओं को छछूंदर के साथ मानव डीएनए भी हासिल हुआ। यह छछूंदर के पास मानव की मौजूदगी से मिला। ये शोध काफी संवेदनशील है। क्लेयर ने बताया कि इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों से एकत्रित डीएनए की मात्रा को अलग कर सकते हैं। एयर डीएनए के सुरक्षित रहने के दिन फिलहाल पहेली है।