हालांकि खगोलविदों ने बताया कि लघु पहाड़ी और मैदान में बनी लकीरों के रिफलेक्शन के कारण खगोलीय पिंड यानी छुद्रग्रह की तस्वीर ऐसे सामने आई, जैसे उसने मास्क लगा रखा हो। मालूम हो कि क्षुद्रग्रह वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे पृथ्वी से सुरक्षित दूरी से 19 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर था। खगोलीय पिंड को वैज्ञानिकों ने (52768) ओआर 2 नाम दिया था। इसका अनुमानित व्यास 1.8 से 4.1 किलोमीटर का था।
नासा ने इस क्षुद्रग्रह को संभावित खतरनाक श्रेणी में रखा था। ये पृथ्वी से करीब 12 लाख किलोमीटर से कम दूरी पर निकला था। अगर इसकी दूरी और कम होती तो परिणाम भयंकर हो सकते थे। हालांकि भारतीय वैज्ञानिकों ने पहले ही बता दिया था कि इस खगोलीय पिंड से कोई खतरा नहीं है। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान एरीज के वैज्ञानिकों अनुसार 29 अप्रैल को गुजरा क्षुद्रग्रह अपेक्षाकृत बहुत बड़े आकार का था। इस आकार के क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने पर विध्वंस की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।