विज्ञान और टेक्नोलॉजी

सौरमंडल में नजर आया ज्वालामुखी का भंडार, धरती की तरह ग्रहों पर भी तपता है पारा

Volcano in Solar System : सौरमंडल में मौजूद तमाम ग्रह और उपग्रहों में ज्वालामुखी देखने को मिले हैं
कई ग्रहों का निर्माण ज्वालामुखी के फटने या उनके लावे की वजह से हुआ है

Jun 24, 2020 / 05:47 pm

Soma Roy

Volcano in Solar System

नई दिल्ली। वैसे धरती पर तो कई जगह ज्वालामुखी (Volcano) देखने को मिलते हैं। इनके फटने से कई बार भयंकर तबाही भी होती है, लेकिन क्या आपको पता है ज्वालामुखी का भंडार हमारे सौरमंडल (Solar System) में भी मौजूद होता है। वैज्ञानिकों ने इसी गुत्थी का राज सुलझा लिया है। उन्होंने बताया कि कई ग्रह और उपग्रहों पर विशालकाय ज्वालामुखी मौजूद हैं। हालांकि ये कई साल से निष्क्रिय हैं। इनमें किसी तरह की कोई हलचल नहीं हुई है। मगर भविष्य में इनके फटने से भयंकर तबाही हो सकती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार बुध ग्रह का निर्माण ज्वालामुखी की वजह से हुआ है। इस ग्रह पर कभी बहुत सारे ज्वालामुखी थे, लेकिन बाद में सब निष्क्रिय हो गए। इसी वजह से इसकी सतह पर कई चट्टानें और गड्ढे देखने को मिलते हैं। इसके अलावा शुक्र ग्रह पर भी ज्वालामुखियों का ढेर मौजूद है। इसी के चलते यहां का तापमान काफी गर्म रहता है। यहां मौजूद ज्वालामुखी में से कुछ सक्रिय तो कुछ निष्क्रिय हैं।
मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश के लिए वैज्ञानिक हमेशा से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यहां की पथरीली जमीन और कठिन हालात यहां पर जीवन बिताने के लिए उचित नहीं है। खगोलविदों का मानना है कि यहां माौजूद ज्वालामुखी भी इसका एक कारण है। यहां मौजूद ओलंपस मोन्स सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है, जिसकी ऊंचाई करीब 25 किलोमीटर है। ये पृथ्वी के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट से भी तीन गुना ऊंचा है। हालांकि यह लाखों साल से निष्क्रिय है, मगर भविष्य में क्या होगा अभी इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इसके अलावा चंद्रमा जैसे उपग्रह पर भी कभी ज्वालामुखी हुआ करते थे। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि ज्वालामुखी से पिघले हुए लावे की वजह से यहां एक विशाल मैदानी इलाका बन गया है। जिसे मारिया कहते हैं।

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