मौसम बरपा सकता है अपना कहर नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च (पीआइके) और एम्सटरडम के व्रिजे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई हिस्सों में अत्यधिक प्रलयकारी मौसम अपना कहर बरपा सकता है।
ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते हो रहा मौसम में एेसा बदलाव वैज्ञानिकों ने बताया कि इंसानों द्वारा किया गया ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पूर्व की ओर बहने वाली हवाओं में बाधा उत्पन्न करता है। इसकी वजह से गर्मी के मौसम की अवधि बढ़ जाती है। इसके बाद बारिश भी समय से ज्यादा होती है। ग्रीनहाउस गैसों की वजह से बढ़ रही ग्लोबल वॉर्मिंग प्रकृति के बने बनाए सांचे को बिगाड़ रही है। ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मौसम चक्र में आए बदलावों से आगे आने वाले समय में गर्मी और बारिश का प्रकोप बढ़ता ही जाएगा।
कर्नाटक में बन चुके हैं बाढ़ जैसे हालात
बता दें, कर्नाटक के कोडगू (कुर्ग) जिले में लगातार बारिश हो रही है। इससे वहां बाढ़ के हालात बन चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हवाई सर्वे के जरिए दो बार यहां के हालात का जायजा ले चुके हैं। मलनाड जिले में भी ऐसे ही हाल हैं। दोनों जिलों में बीते 15 दिन के भीतर अब तक वर्षाजनित हादसों से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कोडगू में ही लगभग 3,500 लोग इधर-उधर फंसे हुए बताए जा रहे हैं। एेसे में वैज्ञानिकों की ये चेतावनी सच साबित हो सकती है।
बता दें, कर्नाटक के कोडगू (कुर्ग) जिले में लगातार बारिश हो रही है। इससे वहां बाढ़ के हालात बन चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हवाई सर्वे के जरिए दो बार यहां के हालात का जायजा ले चुके हैं। मलनाड जिले में भी ऐसे ही हाल हैं। दोनों जिलों में बीते 15 दिन के भीतर अब तक वर्षाजनित हादसों से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कोडगू में ही लगभग 3,500 लोग इधर-उधर फंसे हुए बताए जा रहे हैं। एेसे में वैज्ञानिकों की ये चेतावनी सच साबित हो सकती है।