ये बोतलें बढ़िया क्वालिटी की बोर्दो रेड वाइन हैं। यह प्रयोग लक्जमबर्ग के स्टार्ट अप स्पेस कार्गो अनलिमिटेड की ओर से किया गया था। इन 12 बोतलों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया था। इन्हें अच्छे से बंद करके एक स्टील के सिलेंडर में डाला गया था। जिससे बोतलें सुरक्षित रह सकें। कंपनी चाहती थी कि 1 साल वाइन की बोतलें अंतरिक्ष में रहे। इससे इस बात का पता लगाया जा सके कि जीरो ग्रेविटी पर्यावरण में वाइन का टेस्ट कैसा रहता है। क्या इसमें कोई बदलाव आते हैं। इन बोतलों को इस साल फरवरी के अंत में खोला जाएगा।
इन बोतलों मैं मौजूद वाइन के स्वाद को चखने के लिए एक टेस्टिंग इवेंट का आयोजन किया जाएगा। जो फ्रांस में होगा। इसमें वाइन के टॉप जानकार एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे। रेड वाइन पर चल रहे इस अध्ययन में स्पेस कार्गो अनलिमिटेड के अलावा फ्रांस की बोर्दो यूनिवर्सिटी और जर्मनी की बेवेरिया यूनिवर्सिटी शामिल है। टेस्टिंग के अलावा इन वाइन की केमिकल जांच भी होगी। इसमें वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि आखिर जीरो ग्रेविटी और अंतरिक्षमें रहने के चलते वाइन के टेस्ट और गुणवत्ता पर क्या असर हुआ है। इस वाइन टेस्टिंग का मुख्य उद्देश्य एग्रीकल्चर के लिहाज से सुविधाएं जुटाना है। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण धरती पर कृषि के हालात चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में अंतरिक्ष में नए प्रयोगों के जरिए कृषि उद्योग को एक नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है।