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अंतरिक्ष में एक साल बिताकर धरती पर लौटी वाइन की 12 बोतलें, टेस्ट से खुलेंगे कई राज

Published: Jan 14, 2021 10:25:51 pm

Submitted by:

Soma Roy

Red wine bottles in space : साल 2019 नवंबर को रेड वाइन की बोतलों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया था
वैज्ञानिक अंतरिक्ष में वाइन टेस्टिंग के जरिए एग्रीकलचर के स्तर को नई दिशा देना चाहते हैं

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Red wine bottles in space

नई दिल्ली। वैसे तो आपने अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को सफर करते देखा होगा, लेकिन साल 2019 के नवंबर महीने में फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ने अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ वाइन की 12 बोतलें भी भेजी थीं। वह इनके जरिए अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी की गुत्थी को समझना चाहते थे। लिहाजा स्पेस में 1 साल का वक्त बिताने के बाद अब ये 12 वाइन की बोतलें धरती पर लौट आई हैं।
ये बोतलें बढ़िया क्वालिटी की बोर्दो रेड वाइन हैं। यह प्रयोग लक्जमबर्ग के स्टार्ट अप स्पेस कार्गो अनलिमिटेड की ओर से किया गया था। इन 12 बोतलों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया था। इन्हें अच्छे से बंद करके एक स्टील के सिलेंडर में डाला गया था। जिससे बोतलें सुरक्षित रह सकें। कंपनी चाहती थी कि 1 साल वाइन की बोतलें अंतरिक्ष में रहे। इससे इस बात का पता लगाया जा सके कि जीरो ग्रेविटी पर्यावरण में वाइन का टेस्ट कैसा रहता है। क्या इसमें कोई बदलाव आते हैं। इन बोतलों को इस साल फरवरी के अंत में खोला जाएगा।
इन बोतलों मैं मौजूद वाइन के स्वाद को चखने के लिए एक टेस्टिंग इवेंट का आयोजन किया जाएगा। जो फ्रांस में होगा। इसमें वाइन के टॉप जानकार एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे। रेड वाइन पर चल रहे इस अध्ययन में स्पेस कार्गो अनलिमिटेड के अलावा फ्रांस की बोर्दो यूनिवर्सिटी और जर्मनी की बेवेरिया यूनिवर्सिटी शामिल है। टेस्टिंग के अलावा इन वाइन की केमिकल जांच भी होगी। इसमें वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि आखिर जीरो ग्रेविटी और अंतरिक्षमें रहने के चलते वाइन के टेस्ट और गुणवत्ता पर क्या असर हुआ है। इस वाइन टेस्टिंग का मुख्य उद्देश्य एग्रीकल्चर के लिहाज से सुविधाएं जुटाना है। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण धरती पर कृषि के हालात चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में अंतरिक्ष में नए प्रयोगों के जरिए कृषि उद्योग को एक नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है।
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