कम से कम 5800 किमी दूरी से गुजरेगा
गणनाओं के अनुसार इसकी दूरी पृथ्वी से कम से कम 6 हजार 800 किलोमीटर और अधिक से अधिक 27000 किलोमीटर सकती है। यानी, पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी का दो-तिहाई। इसका आकार इसकी चमक से आंका गया था जो कि 10 से 30 मीटर के बीच हो सकता है। इस सीमा के भीतर का आकार चिंता का विषय हो सकता है लेकिन यही मौका है जब हम पृथ्वी की रक्षा प्रणाली पर काम करने वाले दलों की वेधशालाओं के नेटवर्क के परीक्षण करने का।
धरती से टकराने की संभावना कम
गौरतलब है कि रूस के चेल्याबिंस्क शहर के आकाश में 15 फरवरी 2013 के दिन एक बम फटने जैसी घटना हुई। यह एक लघु ग्रह था जो पृथ्वी के आकर्षण में इतना नजदीक आ गया कि वातावरण में आ पहुंचा। इसकी रफ्तार 65 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी और वातावरण में घर्षण के कारण यह इतना गर्म हो गया कि आग के गोले में बदल गया और 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही फट गया। लोगों को लगा एक और सूर्य चमक गया है। इस घटना के प्रभाव से लगभग 1200 लोग जख्मी हो गए और अनेकानेक भवनों को नुकसान पहुंचा। इस लघु ग्रह का आकार 19 मीटर आंका गया था। वर्तमान लघु ग्रह 2012 टीसी-4 इसी के आसपास है। यदि, यह पृथ्वी की ओर गिरा भी तो भी वातावरण में 15 से 20 किमी ऊंचाई तक आते-आते जलकर और आग का गोला बनकर फट जाएगा। यदि यह धातु का ठोस पिंड हुआ तो जमीन पर जहां भी गिरेगा वहां एक बहुत बड़ा क्रेटर बना देगा। एक भयानक अवाज पैदा होगी। फिर भी इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम है।