वैज्ञानिकों ने इस सर्जिकल रोबोट का नाम ‘वर्सियस’ दिया है। हूबहू मनुष्यों के बाजू की तरह दिखने वाला यह सर्जिकल रोबोट लैप्रोस्कोपिक विधि से की जाने वाली विभिन्न तरह की सर्जरी कर सकता है, जिसमें हॉर्निया का ऑपरेशन, कोलोरेक्टल ऑपरेशन, प्रोस्टेट ग्रंथि के अलावा नाक, कान एवं गले का ऑपरेशन भी शामिल है।
इस तरह की सर्जरी में पुरानी शल्य चिकित्सा विधि की बजाय सिर्फ एक चीरा लगाया जाता है। कैंब्रिज मेडिकल रोबोटिक्स के अनुसार, इस रोबोट का नियंत्रण शल्य चिकित्सक 3 डी स्क्रीन के जरिए कर सकते हैं। हालांकि, सर्जरी करने वाले रोबोट पहले से भी मौजूद हैं, लेकिन विकसित किए गए नए रोबोट का इस्तेमाल करना बेहद आसान है, सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाली मशीनों के मुकाबले एक तिहाई जगह लेता है रोबोट और रोबोट रहित होने वाली सर्जरी के मुकाबले यह बेहद सस्ता होगा। यह जानकारी नए रोबोट को बनाने वाली कैंब्रिज मेडिकल रोबोटिक्स ने दी है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्टिन फ्रोस्ट ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर में रोबोट की मौजूदगी नया आइडिया नहीं है। वर्तमान में समस्या यह है कि वे काफी महंगे साबित होते हैं। इन्हें खरीदने में २ मिलियन पौंड (करीब 16 करोड़ 46 लाख 20 हजार रुपए) का खर्चा आता है और हर प्रक्रिया में इनका इस्तेमाल करने में अतिरिक्त ३ हजार पौंड (करीब 2 लाख 46 हजार 930 रुपए) का खर्चा आता है और ये काफी बड़े भी होते हैं। कई अस्पतालों को रोबोट के हिसाब से ऑपरेशन थिएटर का इस्तेमाल करते हैं और उनका आकार सर्जरी करने वाली टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।