प्रक्षेपण के आठ मिनट बाद रॉकेट के पहले स्तर ने अटलांटिक महासागर में स्थित स्टेशन के ‘ऑफ कोर्स आई लव यूÓ नामक ड्रोनशिप पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। कंपनी ने लैंडिंग के कुछ मिनट बाद ट्वीट कर कहा, फॉल्कन 9 पहले चरण ने ‘ऑफ कॉर्स आई लव यू’ ड्रोनशिप पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट के दो साल पूरे
बेंगलूरु. खगोलीय पिंडों के अध्ययन के लिए स्थापित देश की पहली अंतरिक्ष खगोल वेधशाला एस्ट्रोसैट ने पृथ्वी की अपनी कक्षा में परिक्रमा करते हुए दो साल पूरे कर लिए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे २८ सितम्बर २०१५ को पीएसएलवी सी-३० से छोड़ा था। तब से अब तक यह साढ़े दस हजार से अधिक परिक्रमाएं कर चुका है और इस दौरान ३६० से अधिक खगोलीय पिंडों का अध्ययन किया है।
एस्ट्रोसैट में ऐसे वैज्ञानिक पे-लोड हैं जो आकाशीय पिंडों को निकट और दूर पराबैंगनी (अल्ट्रावायलट) और दृश्य किरणों के अलावा कम और अधिक ऊर्जा वाली एक्स-रे तरंगों के जरिए एक साथ देख सकते हैं। इसकी दूरबीनों के जरिए ब्रह्मांड में एक विशेष तारापुंज के तारों की ऊर्जा अलग-अलग पासबैंड में मापी गई जिसके निष्कर्ष तारों के उद्भव और विकास के दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। लगभग १५१५ किलोग्राम वजनी इस छोटे से उपग्रह को संपूर्ण वेधशाला कहा जाता है। इसे पृथ्वी से ६५० किलोमीटर ऊपर विषुवतीय कक्षा में ८ डिग्री के झुकाव पर स्थापित किया गया है। एस्ट्रोसैट द्वारा किए आकाशीय पिंडों के अध्ययन के आधार पर ३ जनवरी २०१७ तक ४१ शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है।