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अब कैंसर की रोकथाम करेंगे बैक्टीरिया, वैज्ञानिक शोधों से हुई पुष्टि

locationनई दिल्लीPublished: Mar 07, 2018 01:56:14 pm

Submitted by:

Priya Singh

ट्यूमर कोशिकाओं को बढऩे से रोकने के साथ ही पराबैंगनी किरणों से होने वाले ट्यूमर के विकास को भी रोकता है।

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नई दिल्ली। हम हमेशा यहीं सोचते हैं कि बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं और उनका न रहना ही हमारे शरीर के लिए अच्छा है लेकिन आपको बता दें कि कुछ ऐसे गुड बैक्टीरिया भी होते हैं जो हमारे शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। स्किन पर पाए जाने वाले ऐसे ही कुछ बैक्टीरिया कैंसर जैसे रोग का प्रतिरोध करते हैं। ये स्किन बैक्टीरिया आमतौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा में ही पाई जाती है। अमेरिका में स्थित यूनीवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया सैन डिएगो के प्रोफेसर रिचर्ड गैलो का इस बारे में यहीं कहना है कि हमने स्टेफेलोकोकस एपिडर्मिडिस के बारे में पता लगाया है, ये एक तरह का बैक्टीरिया है और ये किसी स्वस्थ मनुष्य की त्वचा पर ही पाई जाती है।
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ये बैक्टीरिया कैंसर को बढऩे से रोकता है। प्रोफेसर रिचर्ड गैलो ने कहा कि स्किन पर पाई जाने वाली ये बैक्टीरिया एक अजीब किस्म के केमिकल को निकालता है जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म कर देता है लेकिन ये जहरीला न होने के कारण बाकी स्वस्थ और सामान्य कोशिकाओं को कोई हानि नहीं पहुंचाता है। रिसर्चरों की एक टीम ने अपने रिसर्च के दौरान एस एपिडार्मिडिस स्ट्रेन की खोज की और पाया कि ये रासायनिक यौगिक 6-एन-हाइड्रोक्सीमैनोप्यूरिन यानि कि 6-एचएपी को बनाता है।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि एस-एपीडर्मिडिस वाले जिन चूहों की त्वचा में 6-एचएपी नहीं बन पाता है, उन चूहों के यूवी किरणें यानि कि कैंसर पैदा करने वाली पराबैंगनी किरणों के सम्पर्क में आने के कुछ समय बाद उनकी त्वचा पर कई सारे ट्यूमर निकल आए थे लेकिन वहीं जिन चूहों में 6-एचएपी का उत्पादन हो रहा था उनके स्किन पर ट्यूमर थे ही नहीं। बता दें कि ये 6-एचएपी एक मॉलीक्यूल है जो कि मूलत डीएनए का निर्माण करता है और ट्यूमर कोशिकाओं को बढऩे से रोकने के साथ ही पराबैंगनी किरणों से होने वाले ट्यूमर के विकास को भी रोकता है। अत गैली की ये बात प्रमाणित हो जाती है कि स्किन पर पाए जाने वाले ये बैक्टीरिया हमारे स्किन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
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