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वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता किबरेट मेकानिंट इन सांपों तथा उनके जहर पर काफी समय से प्रयोग कर रहे हैं। वह एक बॉयोइंजीनियर हैं और उन्होंने अपने प्रयोग में पाया कि सांप का जहर “सुपर ग्लू” बनाने में भी प्रयोग किया जा सकता है। इस ग्लू की सबसे बड़ी खासियत है कि यह बॉडी से बहने वाले खून को चंद सैकेंडों में रोक देता है। इस कारण इस ग्लू का प्रयोग ऑपरेशन थिएटर, युद्ध भूमि तथा इमरजेंसी के हालात में किया जाएगा। मेकानिंट ने अपने प्रयोग में पाया कि सांप के जहर में ब्लड का थक्का जमाने वाला एक प्रोटीन एंजाइम भी होता है जिसे रेप्टीलेस अथवा बाट्रोजॉबिन कहा जाता है। इस एंजाइम का उपयोग कर इसे बॉडी टिश्यू एडहेसिव के रूप में विकसित किया गया। यही एडहेसिव हमारे बॉडी पार्ट्स के लिए ग्लू का काम करता है और रक्त स्राव के स्थान पर उपयोग करने से तुरंत ही बहता हुआ खून बंद हो जाता है।
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शोधकर्ताओं के अनुसार इस ग्लू को बॉडी पार्ट पर लगाकर लेजर लाइट्स की रोशनी को उस पर कुछ सेकंड के लिए डालने से यह तुरंत ही उस स्थान पर थक्के बनाकर खून बहना बंद कर देगा। यदि लेजर लाइट नहीं हो तो मोबाइल की टॉर्च लाइट से भी इस काम को किया जा सकता है। इस नए सुपर ग्लू को चिकित्सा उपयोग में लाने के लिए छोटी ट्यूब्स के रूप में पैक किया जाएगा। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार इस वक्त मेडिकल जगत में उपयोग किए जा रहे फाइब्रिन ग्लू के मुकाबले सांप के जहर से बना यह ग्लू दस गुणा ज्यादा शक्तिशाली है और आधे से भी कम समय में रक्त का बहना बंद कर देता है।