विज्ञान और टेक्नोलॉजी

समुद्र में तैरने से लोगों को हो रही है बीमारी, जानें सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से क्यों मना कर रहे हैं शोधकर्ता

समुद्र में तैरने से त्वचा बदल जाती है माइक्रोबायोम में
त्वचा में बदलाव का खतरा

Jun 24, 2019 / 04:32 pm

Priya Singh

समुद्र में तैरने से लोगों को हो रही है बीमारी, जानें सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से क्यों मना कर रहे हैं शोधकर्ता

नई दिल्ली। समुद्र ( ocean ) में तैरने से त्वचा माइक्रोबायोम ( microbiome ) में बदल जाती है, जिससे कान और त्वचा पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है। अमरीकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी ( Microbiology ) के वार्षिक सम्मेलन ‘एएसएम माइक्रोब-2019’ में प्रस्तुत शोध निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया कि माइक्रोबायोम में बदलाव संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं।

कैलिफोर्निया ( California ) विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्रा मारिसा चैटमैन नील्सन ने कहा, “हमारे डेटा ने पहली बार प्रदर्शित किया कि समुद्र के पानी के संपर्क में मानव त्वचा की विविधता और संरचना में बदलाव हो सकता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य, स्थानीयकृत और प्रणालीगत रोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि समुद्र के पानी के संपर्क में आने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व श्वसन संबंधी बीमारी, कान में संक्रमण और त्वचा में संक्रमण हो सकता है। अध्ययन के लिए नौ व्यक्तियों की जांच की गई, जिन्हें 12 घंटों तक स्नान नहीं करने दिया गया। इसके अलावा उन्हें सनस्क्रीन के उपयोग की मनाही की गई। साथ ही इस बात का ध्यान रखा गया कि उन्होंने पिछले छह महीनों के दौरान कोई एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न किया हो।

 

क्या होता है माइक्रोबायोम

पानी में रहने वाले ये जीवाणु बड़ी तादाद में हमारे आस-पास रहते हैं। इन छोटे जीवों का हमारे शरीर के अंगों की सेहत पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का असर पड़ता है अच्छा और बुरा। प्रदूषण के बुरे असर से प्रभावित माइक्रोबायोम हमारी सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं।


इनपुट-आईएएनएस से भी

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