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विज्ञान और टेक्नोलॉजी

स्मार्ट होती तकनीक जो बदल देगी डिवाइस के इस्तेमाल का तरीका

जानते हैं ऐसी स्मार्ट टेक्नोलॉजी के बारे में, जो आपका स्मार्ट डिवाइसेज को इस्तेमाल करने का तरीका ही बदल देगी।

Oct 22, 2017 / 06:51 pm

जमील खान

Smart technology

Technology

जानते हैं ऐसी स्मार्ट टेक्नोलॉजी के बारे में, जो आपका स्मार्ट डिवाइसेज को इस्तेमाल करने का तरीका ही बदल देगी।

सेल्फ ड्राइविंग कार्रयह कार
किसी साइंस फिक्शन का हिस्सा लगती है। एक कार वहीं पहुंच जाती है, जहां आप खड़े हैं। भीड़-भाड़ से बचकर यह सुविधाजनक तरीके से चलती है और खुद ही पार्क हो जाती है। गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कार का वर्किंग प्रोटोटाइप इसकी कल्पना को साकार कर रहा है। इस कार में 70 हजार डॉलर का लाइट राडार रेंज फाइंडिंग सिस्टम है। यह कार की छत पर लगा होता है।

अफोर्डेबल वर्चुअल रियलिटी
वर्चुअल रियलिटी एक टेक्नोलॉजी के रूप में कई सालों से नजर आ रही है। अटारी ने 1982 में इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च के लिए एक वर्चुअल रियलिटी लैब बनाई। इस फील्ड में कई विकास हो चुके हैं, लेकिन अब तक इससे जुड़ी कोई तकनीक आम आदमी की पहुंच में नहीं आई है। अब गूगल, सोनी और एचटीसी जैसी कंपनियां मल्टीमीडिया और गेमिंग के लिए वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स पर काम कर रही हैं।


बिना फ्रेम की स्क्रीन
किसी भी फोन के चारों ओर फ्रेम होने का एक कारण है। इससे डिस्प्ले के चारों कोनों पर खाली स्पेस नजर नहीं आता। यह एक जरूरी स्ट्रक्चरल कंपोनेंट है। यह कुछ इलेक्ट्रोनिक्स जैसे एलईडी लाइट सोर्स को छुपा लेता है। अब कई कंपनियां इस फ्रेम के आकार को कम कर रही हैं और डिस्प्ले बड़ा कर रही हैं। इससे फोन का लुक बदल रहा है।

मॉड्यूलर फोन-लैपटॉप
मौजूदा दौर में हर कंपनी नए प्रोडक्ट्स मार्केट में लॉन्च कर रही है। ऐसे में हर घर में फोन, लैपटॉप और टैबलेट्स का ढेर लग गया है। अब मॉड्यूलर टेक्नोलॉजी आपकी मदद कर सकती है। एक फोन यूजर के लिए सवाल हो सकता है कि अगर आप सालों से फोन को एक ही काम के लिए इस्तेमाल करते हैं तो फिर बार-बार फोन को बदलते क्यों हैं? आप चाहें तो अपनी जरूरत की चीजों के लिए इसे अपग्रेड कर सकते हैं। प्रोजेक्ट एरा, पजल फोन और फोनक्राफ्ट मॉड्यूलर फोन की प्लानिंग में लगे हुए हैं।

सॉलिड स्टेट स्टोरेज
आजकल पीसी में जो स्टैंडर्ड हार्ड ड्राइव्स इस्तेमाल होती हैं, वे धीमी होती हैं और उनके फेल होने की आशंका भी बनी रहती है। इसकी तुलना में सॉलिड स्टेट ड्राइव्स ज्यादा ड्यूरेबल होती हैं और बेहतर परफॉर्मेंस देती हैं। ये तेज गति से काम करती हैं। इनमें ओवरहीटिंग की समस्या नहीं रहती। इनमें कोई मूविंग पार्ट नहीं होता, इसलिए शोर नहीं करती और हल्की होती हैं।

कनेक्टेड होम व एप्लायंसेज
इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्नोलॉजी डिवाइसेज को एक-दूसरे से फिजिकली या वायरलेसली कनेक्ट होने की सुविधा देती है। इस तकनीक से कनेक्टेड घर में एप्लायंसेज और डिवाइसेज को एक साथ जोड़ सकते हैं। सिक्योरिटी कैमरा, लाइट, एप्लायंसेज, स्मार्ट लॉक आदि को इंटरनेट पर फोन से कंट्रोल कर सकते हैं।

टच फ्री जेस्चर कंट्रोल
धीरे-धीरे टचस्क्रीन कॉमन हो गई है। टचस्क्रीन के बाद अब वैज्ञानिक बिना कुछ टच किए इंटरफेस को कंट्रोल के लिए काम कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में लीप मोशन सबसे मशहूर हो रहा है। लीप मोशन कंट्रोलर यूएसबी से कम्प्यूटर से जुड़ जाता है और आपके और पीसी के बीच की एयर स्पेस का इस्तेमाल करके 8 क्यूबिक फीट का इंटरेक्टिव स्पेस तैयार करता है। इसे आप अपने हाथों और उंगलियों से ही मैनेज कर सकते हैं।

फ्लेक्सिबल व ट्रांसपैरेंट डिस्प्ले
सैमसंग और एलजी फ्लेक्सिबल और ट्रांसपैरेंट डिस्प्ले का प्रोटोटाइप पेश कर चुकी हैं। भविष्य में ऐसी स्मार्टवॉच मिलने लगेंगी, जिनकी स्क्रीन कलाई के चारों ओर होगी। बड़ी स्क्रीन वाला टैबलेट फोल्ड करके जेब में रख सकेंगे। दीवार पर कव्र्ड डिस्प्ले लग सकेगा। ट्रांसपैरेंट फोन से चलते हुए भी डिवाइस को इस्तेमाल कर सकेंगे।

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