शोध के अनुसार, जो कुत्ते ज्यादा आक्रमकता दिखाते हैं उनमें वैसोप्रस्सिन की मात्रा अधिक पाई गई। इससे संकेत मिलते हैं कि वैसोप्रस्सिन और आक्रमकता में संबंध हो सकते हैं। शोधक र्ताओं ने आगे कहा कि ऑक्सीटोसिन आक्रमकता को रोकने में मददगार साबित हुआ।
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में सहायक प्रोफेसर इवान मैक्लीन ने कहा कि कुत्तो में आक्रमकता एक बहुत बड़ी समस्या है। हर साल कुत्तों के काटने से हजारों लोग, खासकर बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं। आक्रमकता की वजह से ही कुत्तों को शरण स्थान छोडऩा पड़ता है।
यह शोध पत्रिका फ्रंटीयरस ने साइकोलोजी में छपा है। शोध के लिए शोधकर्ताओं ने विभिन्न उम्र, नस्ल और नर-मादा पालतू कुत्तों को शामिल किया। इन कुत्तों के मालिकों ने बताया था कि पट्टा डालने के बाद जब वे उन्हें घुमाने ले जाते थे तो उनके पालतू जानवर आक्रमक हो जाते थे जिसके चलते उन्हें संभालना कई बार मुश्किल हो जाता था। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कुत्तों में आक्रमकता अभिघातज व्यवहार के वजह से भी होता है।
यह चूहा अपने दांत से तोड़ सकता है नारियल
सोलोमन द्वीप। वैज्ञानिकों ने सोलोमन द्वीप पर चूहों की एक ऐसी प्रजाति की खोज की है जो अपने दांतों से नारियल को आसानी से तोड़ सकते हैं। नई प्रजाति का नाम उरोमीज वीका रखा गया है और दुनियाभर में फैले अन्य चूहों से काफी बड़े हैं। नाक से लेकर पूंछ की आखिर तक इनकी लंबाई डेढ़ फुट है।
अमरीका के फील्ड म्यूजियम ऑफ हिस्ट्री के वैज्ञानिकों को इन चूहों के बारे में वर्ष २०१० में पता चला जब यह अफवाह फैली कि चूहों जैसे दिखने वाली एक बहुत बड़ी प्रजाति पेड़ों पर रहती है और नारियल को आसानी से अपने दांतों से तोड़ लेती है। सात सालों के शोध के बाद वैज्ञानिक इस प्रजाति को ढूंढऩे में सफल रहे।
फील्ड म्यूजियम में शोधकर्ता टायरोन लावेरी ने बताया कि नई प्रजाति बेहद प्रभावशाली है। यह बहुत ही बड़ा चूहा है। सोलोमन में ८० सालों बाद यह पहला चूहा है जिसकी खोज की गई है। चूहों का बड़ा आकार और पेड़ों पर रहने की जीवनशैली से पता इनके द्वीप पर रहने के बारे में पता चलता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सोलोमन द्वीप पर ऐसे जानवर पाए जाते हैं जो धरती के किसी कोने पर नहीं पाए जाते हैं। ऐसे जानवरों की उन्नति दूसरे जानवरों से भी बेहद अलग तरीकों से हुई है।