विज्ञान और कला का संगम
शोध के प्रमुख लेखक और पीएचडी छात्र ओडी हैनटन का कहना है कि हमारा काम 3D प्रिंटर को एक कदम और आगे ले जाता है। जैसे लोग अपनी कला का प्रदर्शन स्याही, पेंट और क्ले के जरिए करते हैं हम 3D तकनीक को इस खास स्प्रेकोट के जरिए प्रदर्शित करते हैं। यह दरअसल सिर्फ तकनीक नहीं है बल्कि विज्ञान और कला का बेजोड़ नमूना है जो नए बाजार के अवसर खोलता है। शोधकर्ताओं के अनुसार प्रोटोस्प्रे का उपयोग कर 3Dडिस्प्ले बनाना आसान है।
ऐसे बनाते हैं 3डी टच स्क्रीन
हंटन के अनुसार प्रोटोस्प्रे तकनीक का उपयोग कर फ्री-फॉर्म डिस्प्ले बनाने के दो तरीके हैं। इसे ‘स्ट्रेट फॉरवर्ड फैब्रिकेशन प्रोसेस’ कहते हैं। इंटरेक्टिव ऑब्जेक्ट का डिज़ाइन बनाने के लिए सबसे पहले ऑब्जेक्ट को एक मल्टी-मैटिरियल 3डी प्रिंटर पर मुद्रित किया जाता है। दूसरे तरीके में उपयोगकर्ता ‘प्रोटोस्प्रे’ को किसी भी एक्टिव मैटिरियल्स पर स्प्रे कर सकते हैं ताकि डिस्प्ले तत्व बन सके जो चमकता भी हो। ऐसा तब होता है जब एक बेस इलेक्ट्रोड में करंट पहुंचाया जाता है। इस तरह हम किसी भी आकार में टच-सेंसिटिव स्क्रीन बना सकते हैं जो जानकारी के साथ छूने पर प्रतिक्रिया भी करती है।
इलेक्ट्रोल्यूमिनेसेंट रंगों को स्प्रे करना संभव
हंटन कहते हैं कि इस तकनीक से नीयन रंगों के समान दिखने वाले लगभग सभी इलेक्ट्रोल्यूमिनेसेंट रंगों को स्प्रे करना संभव है। इसे घर पर भी उपयोग किया जा सकता है। हंटटन का कहना है कि जल्द ही इस तकनीक का उपयोग स्मार्ट वॉच या स्मार्टफोन पर 3डी इंटरैक्टिव डिस्प्ले के लिए भी किया जा सकता है। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और शोध के सह-लेखक डॉ. एन राउडो कहते हैं कि अब उनका अगला लक्ष्य एक ऑल-इन-वन मशीन बनाना है जो 3डी आकृतियों को प्रिंट करने के साथ ही स्वचालित रूप से उन पर टच-सेंसिटिव स्क्रीन भी स्प्रे कर सकती हो।