विज्ञान और टेक्नोलॉजी

शोध! हर दिन औसत 20 हजार शब्द बिना बोले नहीं रह पाती हैं महिलाएं लेकिन यहां हो जाती है बोलती बंद

महिलाओं का पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा बोलने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण है।

Apr 04, 2018 / 03:13 pm

Priya Singh

नई दिल्ली। पुरूषों की तुलना में महिलाएं बोलने में ज्यादा अव्वल होती है। महिलाओं और पुरूषों में यदि बोलने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए तो निश्चित रूप से महिलाओं की ही जीत होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में एक महिला बीस हजार शब्द बोलती है जबकि पुरूष प्रतिदिन तेरह हजार शब्द बोलते हैं। महिलाओं का पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा बोलने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण है।
अमरीका में स्थित मैरिलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार महिलाओं के दिमाग में Foxp2 नामक रसायन पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। बता दें Foxp2 एक प्रकार का लैंग्वेज प्रोटीन है। इसी केमिकल के कारण महिलाओं में बोलने की क्षमता ज्यादा पाई जाती है।
एक दूसरे रिपोर्ट के मुताबिक Foxp2 प्रोटीन के कारण महिलाओं का शब्दकोश अधिक होता है। एक अध्ययन के दौरान इस बात का खुलासा किया गया कि जो महिलाएं घर के बाहर काम करती है वो लंच ब्रेक के दौरान ज्यादा बात करती है। कभी—कभी तो ये अंजान लोगों से भी बात कर लेती है।
अन्य एक रिपोर्ट में एक ऐसी बात खुलकर सामने आई जो कि वाकई में हैरान कर देने वाली थी और वो ये कि आॅफिस मीटिंग में महिलाएं कम और पुरूष अधिक बोलते हैं।

Research
करीब सात यूनिवर्सिटी की फैक्लटी मीटिंग को रिकॉर्ड कर देखने पर ये पाया गया कि हमेशा ज्यादा बोलने वाली महिलाएं मीटिंग के दौरान पुरूषों से कम बोलती नजर आई और तो और महिलाओं के सबसे लंबे वाक्य भी पुरूषों दृवारा बोले गए छोटे वाक्य से कम था। विशेषज्ञ इस बारे में अपना तर्क देते हुए कहते हैं कि महिलाएं ये जाहिर नहीं करना चाहती है कि वो ज्यादा नहीं बोलती है। हांलाकि मीटिंग से बाहर निकलने के बाद सबसे ज्यादा कमेंट्स भी महिलाएं ही करती है। अब अगली बार जब भी आप किसी महिला को ज्यादा बोलते हुए देंखे तो समझ लें कि इनमें उनका कोई दोष नहीं है बल्कि वास्तव में ये एक केमिकल लोचा है।

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