ये टैब मानव शरीर की गतिविधियों से बिजली उत्पन्न कर सकता है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी एट बफैलो के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ही टब का विकास किया है। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि जब भी कोई एक वस्तु किसी दूसरे वस्तु के संपर्क में आती है तो वो चार्ज या आवेशित होकर ट्राइबोइलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करती है। ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव का उपयोग करने वाले नैनो जेनरेटर को बनाना काफी मुश्किल होता है और इसके साथ ही ये काफी महंगा भी होता है। इस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस टैब को बनाकर इन दो प्रकार की समस्याओं को ही सुलझा दिया है।
बता दें कि इस टैब में सोने की दो पतली सतहें बनाई गई है और उनके बीच सिलिकॉन से बने पॉलीमर “पॉलीडाइमिथाइलसिलोक्सेन” (पीडीएमएस) को लगाया गया है। आपको बता दें कि मावन शरीर उर्जा का भंडार है और बस इसी बात को आधार बनाकर इस टैब को बनाया गया है। इस टैब में लगे सोने की एक सतह को इस तरह खींचा गया है कि वो एक छोटी पर्वत श्रेणी की तरह दिखाई दे अब जब शरीर की किसी गतिविधि जैसे अंगुलियों के मुडऩे से इस डिवाइस पर जोर लगता है तो सोने और पीडीएमएस के बीच घर्षण उत्पन्न होता है और इससे सोने की परत के बीच इलेक्ट्रॉन का बहाव तेज होने से बिजली पैदा होती है। ये टैब आकार में 1.5 सेंटीमीटर लंबी और 1 सेंटीमीटर चौड़ी है और इससे 124 वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है।
इतनी उर्जा से एक लाल रंग की 48 एलईडी बल्ब आराम से जल सकती है। वैज्ञानिक अब इस कोशिश में लगे हैं कि इससे ज्य़ादा बिजली पैदा हों और ये भी कोशिश की जा रही है कि टैब से उत्पन्न उर्जा को बैटरी में भी स्टोर करके रखा जा सकें। वैज्ञानिकों का ये प्रयोग जितनी जल्दी सफल होगा उतनी ही जल्द आपकी समस्या का भी समाधान हो सकेगा।