script10 सेकेंड के ‘वन लेग टेस्ट’ में नाकाम रहने वालों को मौत का खतरा 84% ज्यादा | Those failing 10-second one leg test have an 84 higher risk of death | Patrika News

10 सेकेंड के ‘वन लेग टेस्ट’ में नाकाम रहने वालों को मौत का खतरा 84% ज्यादा

locationनई दिल्लीPublished: Jun 23, 2022 08:34:27 pm

Risk of Death: 10 सेकेंड के ‘वन लेग टेस्ट’ में नाकाम रहने वालों को मौत का खतरा 84% ज्यादा है। यह दावा ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में किया गया है।

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Those failing 10-second one leg test have an 84 higher risk of death

Risk of Death: ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जो लोग कम से कम 10 सेकंड के लिए एक पैर पर खड़े नहीं हो सकते हैं, उनमें एक दशक के अंदर मौत का खतरा अधिक है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के अनुसार दावा किया है कि जो 10 सेकेंड के लिए भी एक पैर में खड़ा नहीं हो सकता है, उस व्यक्ति में बिमारी का खतरा ज्यादा है और अगले 10 साल में उसके मरने की संभावना 84% है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्राजील में 50 साल से अधिक उम्र के 1,702 लोगों के बीच फिटनेस और स्वास्थ्य का अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन 2009 में शुरू किया गया था।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को एक पैर उठाकर खड़े होने को कहा, जिसमें बिना जमीन को छुए अपनी भुजाओं को अपनी ओर रखते हुए और आगे की ओर देखते को कहा। इसके लिए उन्हें तीन बार प्रयास करने की अनुमति दी गई थी। इस परीक्षण में पांच में से एक लोग विफल रहे। विफल रहने वालों में देखा गया कि उनकी उम्र ज्यादा थी या उनका स्वास्थ्य खराब था।

परीक्षण में असफल होने वालों की मौत का अनुपात अधिक

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद दावा किया है कि इस परीक्षण में असफल होने वाले लोगों की मौत का अनुपात काफी अधिक था। शोधकर्ताओं ने बताया कि असफल होने वाले प्रतिभागियों का मौत का अनुपात सफल होने वालों की तुलना में 17.5% था। वहीं इस परीक्षण में सफल होने वालों प्रतिभागियों का मौत का अनुपात असफल होने वालों की तुलना में 4.5% था। शोधकर्ताओं ने इसके पीछे कोई ऐसा ठोस कारण नहीं पाया, जिसके द्वारा मौत को वैलेंस किया जा सके।

इस परीक्षण से डॉक्टरों को मिल सकती है महत्वपूर्ण स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी
शोधकर्ताओं ने बताया कि परीक्षण का डेटा सुरक्षित रूप से रखा गया है। ब्राजील, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस के शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि बुजुर्ग लोगों का नियमित शारीरिक परीक्षाणों में संतुलित घटको को जोड़ा जाए तो डॉक्टरों को स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। इसके साथ डॉक्टर्स भी 10 सेकंड के परीक्षण का यूज करके आसानी से उन लोगों की पहचान कर सकते हैं जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं।
 
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