नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए एक रात में 100, 200 और ३00 बेड की अनुमति 2-4 अस्पताल को ही नहीं दी गई है। शुक्रवार को पत्रिका की पड़ताल में ऐसे ही दो प्राइवेट अस्पताल और सामने आए हैं। श्यामपुर के सोनकच्छ व सीहोर भोपाल नाका स्थित अस्पतालों को भी रेकॉर्ड में 100 बेड का बताया गया है, जबकि यह मौके पर इतनी क्षमता के नहीं हैं। एक में सिर्फ चार बेड हैं और दूसरे में बेड तो 15 से 20 हैं, पर इनका उपयोग मरीजों के उपचार में शायद ही कभी हुआ है। जिले में यह गड़बड़झाला केवल सीएमएचओ डॉ. सुधीर डहेरिया तक ही सीमित नहीं है, जिला स्तरीय जांच कमेटी भी संदेह के घेरे में है।
भोपाल नाके पर एमएम हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के नाम से प्राइवेट अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए रेकॉर्ड में 100 बेड का बताया है। शुक्रवार को पत्रिका टीम ने मौके का जायजा लिया तो यह एक अस्पताल एक पुरानी बिल्डिंग में संचालित है।
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श्यामपुर झरखेड़ा के सोनकच्छ में लिखितकर आरोग्य केयर एण्ड क्वार हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है। शुक्रवार दोपहर जिस समय पत्रिका की टीम पहुंची दो मरीज का उपचार भी किया जारहा था, लेकिन अस्पताल में बेड की संख्या रेकॉर्ड में 100 बताई गई है, लेकिन मौके पर चार बेड हैं।
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नर्सिंग कॉलेज में 40 बेड अलग से रखे हैं। हमारे यहां विधिवत अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। दूसरी जगह की व्यवस्थाओं की अपेक्षा हमारे यहां बहुत ठीक है।
-राजेश लिखितकर, संचालक आरोग्य केयर एण्ड क्वार हॉस्पिटल
हमारा नर्सिंग कॉलेज तो बहुत पुराना है। सरकार से अनुबंध है, हम बच्चों को दूसरे प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में भी प्रैक्टिस के लिए भेजते हैं। बिल्डिंग में दूसरी मंजिल पर भी बेड है, अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ रहता है, आपको कैसे नहीं मिला, कह नहीं सकते।
-अनंत नारायण शर्मा, एमएम हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर सीहोर