scriptबैंक की एक गलती से 35 हजार किसानों को नहीं मिला फसल बीमा! | 35 thousand farmers did not get crop insurance due to bank's mistake | Patrika News

बैंक की एक गलती से 35 हजार किसानों को नहीं मिला फसल बीमा!

locationसीहोरPublished: Jan 13, 2021 11:09:21 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

विधायक ने डीडीए को लिखा पत्र- पूछा जिम्मेदार कौन, दोषी पर क्या कार्रवाई की गई

बैंक की एक गलती से 35 हजार किसानों को नहीं मिला फसल बीमा!

बैंक की एक गलती से 35 हजार किसानों को नहीं मिला फसल बीमा!

सीहोर. जिला सहकारी बैंक की एक गलती के कारण जिले के 35 हजार 835 किसान खरीफ 2019 फसल बीमा के लाभ से वंचित रह गए हैं। 29 दिसंबर को फसल बीमा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जिम्मेदर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान कलेक्ट्रेट में किसानों के बीच जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक मुकेश श्रीवास्तव ने 15 दिन में समस्या का निराकरण करने का भरोसा दिलाया, लेकिन अभी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है।

अब जिला सहकारी बैंक महाप्रबंधक श्रीवास्तव का तर्क है कि फसल बीमा प्रीमियम भरने के बाद भी जिन किसानों को फसल बीमा नहीं मिला है, उनकी सूची बैंक ने तैयार कर ली है। एक सूची वरिष्ठ कार्यालय, एक बीमा कंपनी और एक कृषि विभाग को भेजी दी है। ऑनलाइन एंट्री के बाद किसानों को फसल बीमा मिलेगा। अफसर किसानों को फसल बीमा दिलाने की प्रक्रिया तो लंबित बता रहे हैं, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार बैंकों के कर्मचारियों पर कब और क्या कार्रवाई होगी, इस पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

जिम्मेदार कौन, क्या की कार्रवाई
विधायक सुदेश राय ने किसानों के खरीफ 2019 फसल बीमा से वंचित रहने को लेकर डीडीए एसएस राजपूत को पत्र लिखकर जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई के बारे में पूछा है। विधायक ने पत्र लिखकर डीडीए से पूछा है कि किसानों के बैंक खातों से प्रीमियम राशि काटी गई है और फसल खराब होने पर बीमाधन नहीं दिया गया है। आखिर ऐसा कैसे होगया, इसके लिए जिम्मेदार कौन है। राय ने लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रहे है। फसल बीमा करने वाली कंपनी को भी किसानों के मामले में लापरवाही नहीं करने के निर्देश हैं, इसके बाद भी केन्द्रीय जिला सहकारी बैंक मर्यादित की शाखा कृषि उपज मंडी सीहेार, आष्टा, दोराहा इटावा, शाहगंज, रेहटी, खाचरोद, मेहतवाड़ा, अहमदपुर, बुधनी और बकतरा में इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई। यदि गलती हुई है तो जिम्मेदार व्यक्तियों पर क्या कार्रवाई की गई है।

रकबा कम -ज्यादा होने से भी अटका फसल बीमा
जिले के कुछ किसानों का फसल बीमा रकबा कम-ज्यादा होने से भी अटका है। इनके रेकॉर्ड में संसोधन की प्रक्रिया चल रही है। कृषि विभाग के एडीए रामशंकर जाट ने बताया कि जिन किसानों का फसल बीमा रकबा कम ज्यादा दर्ज होने के कारण अटका है, उनका को इस महीने के अंत तक रेकॉर्ड संसोधित होने के बाद आ जाएगा, लेकिन जिन 35 हजार 835 किसान का यूटीआर नंबर के कारण फसल बीमा रूका है, उन्हें अभी नहीं मिलेगा। इनका शासन स्तर से अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है, शासन स्तर से निर्णय होने के बाद ही यह कहा जा सकेगा कि फसल बीमा इन किसानों को मिलेगा या नहीं।

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