जानकारी के अनुसार एक जनवरी से 16 अगस्त के बीच खाद्य एवं औषधी विभाग ने जिलेभर की होटल, किराना दुकान, दूध डेयरी और अन्य जगह से 213 खाद्य सामग्री के सैंपल लिए थे। सैंपल लेने के बाद उनको जांच के लिए लैब में भेजा था। इसमें 136 सैंपल की आई रिपोर्ट में 18 सैंपल फैल हुए हैं।
फैल हुए सैंपल में दूध, घी, कोकोनट पाउडर, सेव, नमकीन, पानी पुरी, शर्बत, बैसन के लड्डू, रवा के हैं। जबकि इन्हीं सामग्री को सबसे ज्यादा लोग खाने और पीने के उपयोग में लेते हैं। ऐसे में दुकानदार किस तरह से लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं उसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
लिवर, कीडनी हो सकती है खराब: जिला अस्पताल के डॉक्टर आरके वर्मा की माने तो दूषित और मिलावट वाली सामग्री का सेवन करने से स्वस्थ्य बिगडऩे का खतरा रहता है। इसमें फूड पाइजिंग, उल्टी-दस्त के अलावा लिवर खराब होने के साथ कीडनी भी फैल हो जाती है।
वहीं कोलेस्ट्राल भी बढ़़ जाता है। इसके अतिरिक्त शरीर में पेट संबंधी अन्य बीमारी होने की संभावना रहती है। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि होटल और बाजार से मिठाई और अन्य सामान खरीदकर खाने की बजाए घर बनाकर ही खाएं। जिससे कि बीमारियों से बचा जा सकें।
एक्ट का भी नहीं है डर
भारत सरकार ने खाद्य सामग्री की मिलावट की रोकथाम और उपभोक्ताओं को शुद्ध आहार उपलब्ध कराने एक्ट भी लागू किया है। उसके बावजूद दुकानदार मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। खाद्य एवं औषधी विभाग की कार्रवाई भी सिर्फ सैंपल लेने तक सीमित होकर रह जाती है। वहीं कोई सैंपल फैल हुआ तो उसमें भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि मिलावट वाली सामग्री बेचने पर संबंधित को सजा तक हो सकती है।
भारत सरकार ने खाद्य सामग्री की मिलावट की रोकथाम और उपभोक्ताओं को शुद्ध आहार उपलब्ध कराने एक्ट भी लागू किया है। उसके बावजूद दुकानदार मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। खाद्य एवं औषधी विभाग की कार्रवाई भी सिर्फ सैंपल लेने तक सीमित होकर रह जाती है। वहीं कोई सैंपल फैल हुआ तो उसमें भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि मिलावट वाली सामग्री बेचने पर संबंधित को सजा तक हो सकती है।
लगातार सैंपलिंग लेने की कार्रवाई की जा रही है। पिछले कुछ महीनों में लिए सैंपल की रिपोर्ट आई है। उसमें करीब 18 सैंपल फैल हुए हैं। जिन जगहों से यह सैंपल लिए थे उन दुकानदारों को नोटिस जारी किया है।
– रीता शुक्ला, खाद्य एवं औषधि अधिकारी