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सीएम के गृह जिले में युवा डॉक्टर का कमाल, इम्प्लांट के तीसरे दिन वृद्ध को खिला दिया खाना, जानें कैसे…?

locationसीहोरPublished: Jun 28, 2020 01:03:50 pm

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

कोरोना संक्रमण को लेकर इंदौर-भोपाल महानगर के बजाय अपने शहर को दी प्राथमिकता

सीएम के गृह जिले के युवा डॉक्टर का कमाल, इम्प्लांट के तीसरे दिन वृद्ध को खिला दिया खाना, जानें कैसे...?

सीएम के गृह जिले के युवा डॉक्टर का कमाल, इम्प्लांट के तीसरे दिन वृद्ध को खिला दिया खाना, जानें कैसे…?

सीहोर. कोरोना संक्रमणकाल में लोग कई तरह के दर्द झेल रहे हैं। ऐसे ही एक दर्द की कहानी है शहर की नेहरू कॉलोनी मेे रहने वाली महिला 50 वर्षीय सुमन पटेल की। सुमन पटेल बीते एक साल से दांत दर्द और मसूड़ों की तकलीफ से परेशान थीं। लॉकडाउन से पहले इंदौर, भोपल और सीहोर में कई डॉक्टर को दिखाया, सभी ने उपचार में एक ही सलाह दी कि वह डेंटल इंम्प्लांट सर्जरी कराएं। दांत में तकलीफ इतनी थी कि दिन में एक समय का भोजन करना भी मुश्किल होता था।

सीएम के गृह जिले के युवा डॉक्टर का कमाल, इम्प्लांट के तीसरे दिन वृद्ध को खिला दिया खाना, जानें कैसे...?

डॉक्टर्स की सलाह के बाद पहले तो उन्होंने काफी दिन बर्दाश्त किया, लेकिन जब दर्द सहन नहीं हुआ तो दांत निकलवाए और डेंटल इंप्लांट सर्जरी के लिए तैयार हो गईं। सुमन पटेल सर्जरी कराने वाली थीं, तब तक कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी और लॉकडाउन हो गया। लॉक डाउन में इंदौर और भोपाल इम्प्लांट सर्जरी कराने की सोचा, लेकिन बाद में संक्रमण के डर से हिम्मत नहीं हुई। एक तरफ कोरोना संक्रमण का डर और दूसरी तरफ दांतों की दिक्कत। इस स्थिति में उन्होंने निर्णय लिया कि वह सीहोर में ही डेंटल इम्प्लांट सर्जरी कराएंगी। सुमन पटेल तत्काल ओरल एण्ड डेंटल सर्जन डॉ. गगन नामदेव के पास गईं और सर्जरी प्लान कर ली। सुमन पटेल ने बताया कि सीहोर में इंदौर और भोपाल से कम खर्च में सर्जरी हो गई। सर्जरी के तीन दिन बाद ही उन्होंने खाना खाना भी शुरू कर दिया। सुमन पटेल सीहोर में डेंटल इम्प्लांट सर्जरी कराने के बाद खुद को स्वस्थ बता रही हैं।

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दांत की जड़ में लगाते हैं मेटल
डेंटल इम्प्लांट का मतलब दांतों का प्रत्यारोपण। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दांतों की जड़ों को मेटल के साथ लगाया जाता है। डॉ. गगन नामदेव ने बताया कि इसमें डैमेज दांत या टूटे दांतों को हटा कर डेंटिस्ट आर्टिफिशियल दांतो को स्क्रयू के साथ लगाते हैं। ये आर्टिफिशियल दांत देखने में असली दांतों की तरह लगते हैं। डेंटल इम्प्लांट सर्जरी में डेंटिस्ट आर्टिफिशियल दांतों की एक पंक्ति को मसूड़ों में फिट करते हैं।

सर्जरी के तीन दिन बाद खाने लगीं खाना
डेंटल इम्प्लांट सर्जरी कुछ खास जगह पर ही होती है। सीहोर में भी यह सुविधा मरीजों को मिल रही है। बताते हैं कि इस सर्जरी में दांत की क्वालिटी के हिसाब से खर्चा कम ज्यादा होता है। वैसे 15 से 25 हजार रुपए में डेंटल इम्प्लांट सर्जरी हो जाती है। डॉ. नामदेव बताते हैं कि वह बीते कई साल से डेंटल इम्प्लांट कर रहे हैं, लेकिन सुमन पटेल का केस उनके लिए लॉकडाउन में एक टास्क था और सर्जरी कर तीन दिन में खाना लिखा दिया।

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