रेहटी से मांजरकुई सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा करीब 11 वर्ष पहले किया गया था, जो गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते कुछ वर्ष में ही जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो गया। जिस पर आज 30 गांव के लोगों को आवागमन के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की हालत यह है कि सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके, डामर का कहीं अता-पता नहीं है। सड़कपर व्याप्त गिट्टों के कारण बाइक सवार आए दिन दुर्घटना का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। विगत एक माह में ही आधा दर्जन दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। इस संबंध में नयागांव निवासी दुष्यंत मालवीय, नरेन्द्र तिवारी, मांजरकुई निवासी रामकृष्ण, विक्रम लोवंशी, तेज सिंह, राम रघुवंशी ने बताया कि सड़क को बने करीब 11 वर्ष हो चुके हैं, सड़क की स्थिति जर्जर हो चुकी है। इसको लेकर हम कई बार संबंधित विभाग के अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को अवगत करा चुके हैं। इसके बावजूद भी निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। विभाग द्वारा हाल ही में तीन माह पूर्व सड़क का पेंचवर्क कराया गया था, जो ठेकेदार द्वारा घटिया किया गया कि तीन माह में ही पेंचवर्क पूरा उखड़ गया और गिट्टी सड़क पर फैली रहती है। ऐसे में अब हमें इस सड़क पर सफर करने में भी हादसों का भय बना रहता है।
30 गांव लोग कर रहे यातनाओं भरा सफर
रेहटी से मांजरकुई सड़क पर 30 गांव के ग्रामीणों का प्रतिदिन आना-जाना रहता है। ऐसे में जर्जर सड़क उनके लिए आवागमन में परेशानी का सबब बनती है। इसी मार्ग से अमावस्या, पूर्णिमा पर मरदानपुर और आंवलीघाट नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जाना होता है। उन्हें भी खराब सड़क के 15 मिनिट का सफर तय करने में आधा घंटा लग जाता है। इसी सड़क पर पडऩे वाली टिमरन नदी पर पुल का निर्माण आज तक नहीं हुआ है ऐसे में ग्रामीणों को बारिश में काफी परेशानी उठाना पड़ती है।
बरखेड़ी टिटोरा सड़क गड्ढों में तब्दील
बरखेड़ी. बरखेड़ी से टिटोरा पहुंच माई इन दिनों जगह-जगह से सड़कों में तब्दील हो चुका है। सड़क पर व्याप्त गड्ढे के कारण रात्रि के दौरान दोपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। बरखेड़ी से टिटोरा तक बनी प्रधानमंत्री दो किलोमीटर सड़क अनदेखी के चलते जर्जर हो चुकी है। गांव के मनोहर मेवाड़ा, रमेश विश्वकर्मा, कमलेश त्यागी ने बतया कि इस सड़क से प्रतिदिन बरखेड़ी, टिटोरा सहित 25 गांव के ग्रामीणों का आना-जाना रहता है। ऐसे में सड़क के जर्जर होने के कारण उन्हें आवागमन के दौरान खासी परेशानी उठाना पड़ती है। सड़क पर जगह-जगह नालियों का पानी भी भरा हुआ है, ऐसे में बड़े वाहन निकलने के दौरान यह गंदा पानी ग्रामीणों के ऊपर उछल जाता है। जिससे उनके कपड़े खराब हो जाते हैं। कई बार तो इस कारण स्कूल के बच्चों को स्कूल जाने तक से वंचित रहना पड़ा है।
सड़क की स्थिति वास्तविकता में बहुत खराब है, किंतु उक्त रोड किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है। फिर भी हमारे द्वारा विभागीय स्तर पर जितनी मरम्मत हो सकेगी, शीघ्र ही कराई जाएगी।
शंकरलाल रोहिताष, सब इंजीनियर लोक निर्माण विभाग