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सीबीआई के हाथ में पहुंचा 6 करोड़ के घोटाले की जांच

locationसीहोरPublished: Dec 07, 2017 06:04:14 pm

पांच दिन पहले सीबीआई ने मुख्य आरोपी के घर से बरामद किए थे दस्तावेज

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सीहोर/आष्टा। आष्टा पंजाब नेशनल बैंक के करीब छह करोड़ रुपए के फर्जी ऋण मामला पुलिस के साथ सीबीआई के हाथ में पहुंच गया है। दो विभागों के पास यह पहुंचते ही अब इसके उलझने के भी आसार लग रहे हैं। सीबीआई पिछले दिनों मुख्य आरोपी के घर से मुख्य दस्तावेज जब्त कर साथ ले गई है। जबकि पुलिस जांच इसलिए नहीं कर पा रही कि सीबीआई ने उसको फाइनल जवाब नहीं दिया है कि जांच करना है या नहीं। इस कारण पुलिस जांच की कार्रवाई अभी की स्थिति में पूरी तरह से ठंडे बस्ते में है।
शहर में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में हुआ है। इसमें फर्जी तरीके से ऋण लेकर करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई। मामला जब उजागर हुआ तो अफसरों तक के पैरों तले की जमीन खिसक गई थी। पीएनबी के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजेंद्र मोहन नायर ने पांच महीने पहले फर्जी ऋण के मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी।

जांच में रेडिमेड वस्त्र निर्माण के लिए ऋण लेने आवेदनकर्ता सांई कॉलोनी आष्टा निवासी प्रशांत गुप्ता, परमार मशीनरी व कृषि सेवा केंद्र के प्रोपाराइटर मनोज परमार ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक एमपी करारी, बैंक अधिकारी एसएन विश्वकर्मा व बैंक व जिला उद्योग केंद्र सीहोर के पदाधिकारियों के साथ मिलकर छल, कपट से षडयंत्र रचकर व्यवसाय प्रारंभ नहीं करने पर भी ऋण राशि प्राप्त कर अवैध लाभ प्राप्त किया था। जांच के बाद सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। मुख्य आरोपी मनोज परमार की गिरफ्तारी हो चुकी है। उसे पिछले दिनों पूछताछ के लिए रिमांड पर भी लिया था। वहीं बैंक सहित जिला उद्योग केंद्र का रिकार्ड भी जब्त किया था।

सीबीआई ने भी किया मामला
सीबीआई ने भी इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ मामला कायम किया है। दो दिसंबर को सीबीआई की 15 सदस्यों की टीम ने आष्टा पहुंचकर मुख्य आरोपी मनोज परमार के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। घंटों तक चली कार्रवाई में टीम ने आरोपी के घर से कई मुख्य दस्तावेज बरामद कर अपने साथ ले गई थी। इस कार्रवाई से पूरे दिन हड़कंप का माहौल बना था। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों 6 करोड़ 20 लाख रुपए के 11 मामला उजागर होने के बाद से ही यह सुखियों में है।

जांच में हो सकती है देरी
सीबीआई के हाथ में भी यह मामला आने के बाद पुलिस की जांच अटक गई है। पुलिस इस कारण जांच आगे नहीं कर पा रही है कि सीबीआई की तरफ से फाइनल नहीं किया है। सीबीआई कहती है कि मामले की पूरी जांच वहीं करेगी तो पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। अभी की स्थिति में उनकी तरफ से ऐसा कोई जवाब नहीं आया है। इससे पुलिस जांच नहीं कर पा रही है। सीबीआई की तरफ से पुलिस को जवाब मिलता है कि वही इस मामले को देखे तो कार्रवाई शुरू कर देगी। ऐसा ही चला तो जांच प्रभावित होकर लंबी खींच सकती है। पुलिस अफसरों की माने तो उनको सीबीआई के जवाब का इंतजार है।
कोर्ट में चल रहा है मामला
इससे पहले जिला सहकारी बैंक में भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। जिसमें मेहनत, मजदूरी कर जमा की गई पूंजी को बैंक के अफसर, कर्मचारियों ने मिलकर गायब कर दिया था। उपभोक्ता जब खाते से राशि निकालने गए तो उनको गायब मिली थी। इसके बाद पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। अभी यह मामला कोर्ट में विचारधीन है।
फाइनल नहीं हुआ है
मामले में आरोपियों पर सीबीआई और पुलिस दोनों ने मामला कायम किया है। अभी फाइनल नहीं हुआ है कि सीबीआई इसकी पूरी जांच करेगी या नहीं। इस कारण से हमारी तरफ से जांच आगे नहीं बढ़ाई जा रही है। सीबीआई की तरफ से कहा जाता है कि पुलिस मामले की जांच करे तो हम शुरू कर देेंगे।
– जीपी अग्रवाल, एसडीओपी आष्टा
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