कहीं से चोरी की बाइक कब कहां पहुंच जाती है मालूम ही नहीं चलता। ऐसा ही एक मामला सीहोर में भी सामने आया है, जहां कुछ चोरी की बाइकें बेचने के दौरान कुछ चोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इसके बाद इन्होंने जो राज पुलिस के सामने खोले वो किसी को भी झकझोर देने के लिए काफी थे।
दरअसल ये लोग दूसरे जिलों से बाइक चोरी करके लाए थे, जिसे वे सीहोर में बेचने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस को इसकी खबर लग गई और ये सब हवालात जा पहुंचे।
पुलिस के मुताबिक चोरी की बाइक को बेचने की फिराक में घूम रहे चोरों को पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की तो सब कुछ उगल दिया। उनके कब्जे से 8 बाइक बरामद की है। यह बाइक कई जगह से चोरी की गई थी। जिले की नसरुल्लागंज थाना पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान इन्होंने कई ऐसी बातें भी बताईं जिनके बारे में सोचा तक नहीं जा सकता था। ये कैसे जिलों से बाहर आए, कैसे पुलिस से बचे सहित किस तरह से चोरी की ये सब चौंकाने वाला था।
लगातार बढ़ रही बाइक चोरी की घटनाओं से शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भय व्याप्त था। जिसके बाद पुलिस के साथ लोगों ने भी राहत की सांस ली है। इलाके में लगातार बढ़ रही घटनाओं से परेशान होकर एसपी के दिशा निर्देश में एक पुलिस टीम का गठन किया। जिसमें पुलिस को सफलता मिली है।
जानकारी के अनुसार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सेमल पानी रोड के जोड़ पर पुलिया के पास चार व्यक्ति खड़े हैं। जो बाइक बेचने के इरादे से आए हैं। पुलिस ने घेराबंदी की और चारों व्यक्तियों को पकड़कर पूछताछ की। इसमें पुलिस को पता लगा कि यह लोग बाइक बेचने आए हैं। कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने बाइक चोरी करना कबूल किया।
आरोपियों ने अपना नाम जियागांव निवासी विशाल पिता छगनलाल वर्मा, जितेंद्र सिंह पिता गवजी, मोहन पिता कन्हैया लाल माली, अरशद पिता मोहम्मद हनीफ निवासी सर्वहारा कॉलोनी नसरुल्लागंज बताया। आरोपियों ने पूछताछ की तो उन्होंने बाइक चोरी करना कबूल किया। पुलिस ने इनके कब्जे से 8 बाइक बरामद की।
कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके…
एसडीओपी अनिल त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो वह बाइक जो बेचने आए थे उसके संबंध में कोई कागजात प्रस्तुत नहीं कर सकें। उनसे पूछताछ की तब उन्होंने बाइक चोरी करना कबूल। उन्होंने 6 हरदा, 2 खातेगांव, एक आशापुर व एक खंडवा से चोरी करना कबूल किया।
एसडीओपी अनिल त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो वह बाइक जो बेचने आए थे उसके संबंध में कोई कागजात प्रस्तुत नहीं कर सकें। उनसे पूछताछ की तब उन्होंने बाइक चोरी करना कबूल। उन्होंने 6 हरदा, 2 खातेगांव, एक आशापुर व एक खंडवा से चोरी करना कबूल किया।