भाजपा नेत्री अमिता अरोरा के पति जसपाल अरोरा ने बताया कि सरकार ने झूठे आरोप लगाकर अमिता अरोरा को नगर पालिका अध्यक्ष पद से हटाया था। अमिता अरोरा ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई, जिसकी सुनवाई करते हुए 4 सितंबर को कोर्ट ने सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें नपाध्यक्ष सीहोर के पद पर बहाल किया है।
कोर्ट का ऑर्डर 32 पेज का होने के कारण आदेश की प्रति मिलने में समय लगा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल अरोरा ने बताया कि हाई कोर्ट के ऑर्डर से सभी समर्थक खुश हैं। उन्होंने कहा कि शहर के विकास में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
इधर, दो सरपंच को नोटिस जारी
वहीं दूसरी ओर सीहोर जिला पंचायत सीइओ ने दो सरपंच को धारा 40 की तहत नोटिस दिए हैं, वहीं दो रोजगार सहायकों की संविदा सेवा समाप्त की है। रोजगार सहायकों की संविदा सेवा समाप्त वित्तीय अनियमितताओं को लेकर की गई हैं। सीईओ ने कुछ पंचायत सचिवों की भूमिका भी संदिग्ध होने को लेकर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में मजदूरी का भुगतान करने में अनियमितता और लापरवाही के लिए दोषी पाए जाने पर जिला पंचायत सीईओ अरुण कुमार विश्वकर्मा ने जनपद पंचायत आष्टा की ग्राम पंचायत गवाखेड़ा के रोजगार सहायक बलवान सिंह और सीहोर जनपद की ग्राम पंचायत निवारिया के रोजगार सहायक सुनील कुमार ठाकुर की संविदा सेवा समाप्त करने के आदेश दिए हैं।
सीइओ ने ग्राम पंचायत लसूडिया धाकड़ एवं बुदनी विकास खण्ड की खबादा ग्राम पंचायत के संरपंच को भी धारा 40 के तहत नोटिस जारी किए हैं। ग्राम पंचायत लसूडिय़ा धाकड़ के सचिव गजराज सिंह और ग्राम पंचायत नारायणपुर के सचिव मधु यादव, ग्राम पंचायत खवादा के सचिव सुआलाल बारेला एवं ग्राम पंचायत अमीरगंज के सचिव विजय मीणा तथा सीहोर जनपद के पंचायत समन्वयक अधिकारी शिवप्रसाद चौरसिया के खिलाफ भी शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और अनियमितताओं के लिए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।