नाले को घेरकर बना ली बस्ती
ज्ञात रहे कि शहर के बीचों-बीच से निकले सी-टू नाले पर अनेक लोगों ने अतिक्रमण कर कच्चे और पक्के मकान बना लिए हैं। हर साल बारिश के दिनों पर नाले में पानी की भरने से मकानों के बहने का भी डर बना रहता है। एसडीएम राजकुमार खत्री ने बताया कि पानी के बहाव वाले नदी, नाले पर मकान नहीं होने चाहिए। नाले पर अतिक्रमण होने को लेकर पिछले साल ३२८ लोगों के अतिक्रमण को चिन्हित कर लाल निशान लगाए गए थे। इसके साथ ही मकान हटाने चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन बारिश के आने कार्रवाई टल गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन और नपा प्रशासन ने नाले पर बने ३२८ लोगों के अतिक्रमण कारियों को अंतिम चेतावनी दे दी गई है।
24 घंटे का दिया अल्टीमेट
एसडीएम राजकुमार खत्री, नपा सीएमओ सुधीर कुमार सिंह सहित प्रशासन और नपा की टीम ने गुरुवार को मछलीपुल, रानी मोहल्ला, इंग्लिशपुरा, अमर टॉकीज, दूल्हा बादशाह रोड सहित अन्य स्थानों पर पहुंचकर अतिक्रमणकारियों को अंतिम चेतावनी दी गई। इसके साथ ही २४ घंटे में अतिक्रमण नहीं हटाने पर शुक्रवार से सीटू नाले पर जेसीबी और बुल्डोजर से मकान तोडऩे की कार्रवाई की गई। इस दौरान अतिक्रमणकारियों को यह भी बताया कि पिछले साल मकान पर लगाए गए लाल निशान के हिसाब से अपने-अपने अतिक्रमण स्वेच्छा से तोड़े लें।
पीएम आवास का रुकवाया था काम
दो सप्ताह पहले एसडीएम राजकुमार खत्री ने इंग्लिशपुरा क्षेत्र का निरीक्षण किया के दौरान सीटू नाले के बीच में एक दर्जन हितग्राहियों द्वारा पीएम आवास बनाए जाने पर काम रुकवाया गया था। इस दौरान हितग्राहियों की किस्त रोकने के बाद ही नाले की जगह छोड़कर आवास बनवाने के निर्देश नपा को दिए गए थे। जानकारी के अनुसार सीटू नाले में रफीक, सलीम और रुकसाना नाले में आवास का निर्माण कर रहे थे। इसके साथ ही मजीद, सुशीला, भूरा, खलील, रसीद द्वारा अन्य हितग्राहियों की देखादेखी नाले की जमीन पर आवास का काम किया जा रहा था।