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सावधान! चार टाइगरों का मिला मूवमेंट, मासूम पर हुआ हमला तो ग्रामीणों में फैली दहशत, जानिए क्या है खतरा…

locationसीहोरPublished: Nov 15, 2017 12:58:55 pm

बुदनी के दो दर्जन गांवों को बनाया संवेदनशील, तीन टीमें कर रही सर्चिंग क्षेत्र में अभी भी मौजूद है टाइगर, पिंजरे भी बुलाए

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सीहोर। जिले के बुधनी के बांसापुर-जर्रापुर के पास टाइगर ने सोमवार को एक मासूम पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। एक माह के भीतर टाइगर के हमले में मासूम की दूसरी मौत का मामला सामने आने के बाद वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है।
बुदनी से लगे दो दर्ज गांवों में चार टाइगरों का मूवमेंट देखा जा रहा है। बांसापुर के वन विभाग को टाइगर के पगमार्क भी मिले हैं। वन विभाग ने बुदनी से सटे 24 गांवों को संवेदनशील बनाते हुए तीन टीमें बनाई हैं, जो क्षेत्र में एलाउंस कर ग्रामीणों को जागरूक रही है। इसके साथ ही पटाखे चलाए जा रहे हैं। वहीं टाइगरों को घने जंगल में खंदडऩे सतपुड़ा रिजर्व से हाथियों को भी बुलाया जा रहा है।
किशोर परते अपने नौ साल के बेटे शेखर परते और ***** कन्हैया के साथ जंगल में लकड़ी बीनने के लिए गए थे। करीब 11 बजे जंगल से लकड़ी लेकर वापस लौट रहे थे तभी सतकुंडा के पास अचानक बाघ ने शेखर पर हमला कर दिया और उसे उठाकर रेलवे ट्रेक की ओर भाग गया। हमले से घबराए शेखर के पिता और अन्य लोगों ने पथराव करने के साथ ही घटना की सूचना स्थानीय नागरिकों को दी।
इसके बाद कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग और वन अमला घटनास्थल पर पहुंच गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। शेखर लहूलुहान हाल में घटना से करीब 100 मीटर दूर इटारसी की ओर जाने वाले रेलवे ट्रेक के पास खंभा नंबर 772-25 के पास पड़ा मिला। उसकी गर्दन पर बाघ के दांत और पैरों पर घसीटने के निशान दिख रहे थे।
जब पास जाकर लोगों ने देखा तो उसकी सांसें थम चुकी थी। बालक के शव को अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। घटना के बाद से पूरे बुदनी ब्लाक में दहशत की स्थिति बनी है। बाघ को ढूढंने आई सतपुडा रिजर्व टीम को आभास होता रहा की टाइगर100 मीटर के दायरे मे ही मोैजूद है। परन्तु टाइगर न तो दिखाई दिया और न ही कैमरे में आया। मालूम हो कि 23 अक्टूबर को बुदनी के खंडाबड़ गांव की कक्षा पांचवी की छात्रा नीतू पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिसमें बालिका की मौत हो गई थी। एक माह के भीतर दो मासूमों की मौत के बाद से वन विभाग सतर्क हो गया है।
दो दर्जन गांवों को बनाया संवेदनशील, तीन टीमें कर रही निगरानी

रेंजर एसएन खरे ने बताया कि बुदनी में लगभग 50 गांव वन परिक्षेत्र से लगे हुए है। इनमें से दो दर्जन गांवों को संवेदनशील माना गया है, जहां टाइगर के मूवमेंट मिले हैं। इसके लिए तीन टीमें बनाई गई हैं, जो वाहनों के साथ गांवों में सर्चिंग कर रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है। तीन टीमों में पहली टीम में दस, दूसरी टीम में छह और तीसरी टीम में आठ गांवों को शामिल किया गया है। पहली टीम का प्रभारी डीपी गोंदिया को बनाया गया है।यह टीम पीलीकरार, देवगांव नया और पुराना, होलीपुरा, ऊंचाखेड़ा,जलाखेड़ा, करंजखेड़ा, यार नगर, रक्का पारदा, खांडाबंड़, पांडांडों पर नजर रखे है। इसी तरह दूसरी टीम के प्रभारी डीएस चौहान को बनाया है। यह टीम बुदनी, बुदनी घाट, तालपुरा, माना, रेलवे स्टेशन के पीछे, मछलीडो डूब क्षेत्र पर नजर रखे हैं। तीसरी टीम पीएल राठौर की निगरानी में जोशीपुरा-बांसापुरा चौकी, बांद्राभान, रामनगर, बगवाड़ा, जोशीपुर, जर्रापुर, जमोशियन, गडरिया नाला गांवों की निगरानी कर रही है।
मवेशियों का किया शिकार

रेंजर ने बताया कि मंगलवार को भी बुदनी में टाइगर के मूवमेंट की जानकारी सामने आई है। क्षेत्र में चार टाइगरों की मूवमेंट की जानकारी मिल रही है। टाइगर द्वारा मंगलवार को कमलापुर में पाड़े के शिकार की बात सामने आई है। इसी तरह बुदनी में बकरी, यारनगर की पहाड़ी पर मवेशी और जर्रापुर में गाय के शिकार की जानकारी आ रही है।
सतपुड़ा रिजर्व से बुलाया जा रहा हाथियों को

वन विभाग के अनुसार जल्द ही टाइगर को पकडऩे के लिए सतपुड़ा रिजर्व से हाथियों को लाया जाएगा। जिससे टाइगर को पकडऩे में सहायता होगी। ऐसा बताया जा रहा है कि 2३ अक्टूबर को खांडाबड में बालिका नीतू एवं 13 नव बर को शेखर पर एक ही टाइगर ने हमला किया है जिससे वन विभाग के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। सभी का कहना है कि यह टाइगर आदमखोर हो गया है। क्षेत्र में और भी लोगों पर यह हमला कर मौत के घाट उतार सकता है। अगर वन विभाग द्वारा समय रहते इसे नहीं पकड़ा गया तो यह क्षेत्र में कई अनहोनी को अंजाम दे सकता है।
अकेले जंगल में नहीं जाएं ग्रामीण, वन विभाग कर रहा अलर्ट

रेंजर एसएन खरे ने बताया कि सुबह से ही वन विभाग की टीम द्वारा वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों से बुधनी और आसपास के गांवों में मुनादी की जा रही है। मुनादी में बताया जा रहा है कि अकेले जंगल के आसपास न जाएं। शाम होते ही घर से बाहर न निकले।
मनोज भदौरिया एसडीओ

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