मान्यता है कि महाशिवरात्रि का दिन महाशुभ होता है इसलिए इस दिन से विभिन्न शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती है। भगवान शंकर के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाने वाला धार्मिक पर्व ‘महाशिवरात्रि’ पर्व को लेकर अभी से उत्साह देखा जा रहा है।
महाशिवरात्रि अवसर पर सहस्त्रलिंगेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहेगा। इसके साथ ही शिवभक्तों का भोले के अभिषेक का सिलसिला चलेगा। मंदिर पुजारी सुरेश शर्मा कहते हैं कि महाशिवरात्रि पर भगवान सहस्त्रलिंगेश्वर के अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही भजन का आयोजन सुबह से लेकर देर रात तक चलेगा।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शिवपुराण में पूजन विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है कि किस तरह भगवान शिव को प्रसन्न किया जाए और क्या करने से शिवजी आप से नाराज हो सकते हैं, इसलिए कुछ चीजों से इस दिन दूर रहने की आवश्यकता है…
महाशिवरात्रि पर चावल, दाल और गेहूं से बने खाद्य पदार्थों से दूर रहन के लिए कहा जाता है। ये भी कहा जाता है कि जो लोग शिवजी को प्रसन्न करने के लिए वृत रखते हैं उन्हें फल, दूध, चाय, कॉफी इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि अगर आप अपने किसी सगे-संबंधी, जीवनसाथी या फिर किसी बुजुर्ग का अपमान करते हैं तो आपसे शिवजी नाराज हो सकते हैं। ऐसे में अगर भूल वश आप से किसी भी बुजुर्ग का अपमान हो जाए तो समय रहते अपने कृत्य के लिए माफी मांग लें।
शिवजी को अगर प्रसन्न करना है तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें। शिवजी का व्रत करते समय या उनकी पूजा अर्चना करते वक्त काले वस्त्रों को धारण न करें।
शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके यहां दुर्भाग्य का प्रवेश होता है और परिवार में गंभीर बीमारियां होने की संभावना हो जाती है।
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि कभी भी शिवलिंग पर तुलती अर्पित नहीं करनी चाहिए। तुलसी को भगवान विष्णु के लिए अर्पित करने के लिए विशुद्ध माना गया है, लेकिन शिवलिंग पर इसे अर्पित करना वर्जित है।
शिव को प्रसन्न करते वक्त अगर आपने हल्दी का इस्तेमाल किया है तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। शास्त्रों के मुताबिक मान्यता है कि शिवलिंग पुरुष तत्त्व से संबंधित है इस वजह से शिवलिंग पर हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
भगवान शिव को चंपा और केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने इन फूलों को शापित किया था, जिस वजह से इन फूलों का भोलेनाथ की पूजा में इस्तेमाल वर्जित है।