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छह हजार हेक्टेयर में खड़ी लहसुन की फसल पर संकट के बादल

locationसीहोरPublished: Jan 24, 2022 05:41:22 pm

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

रात का पारा गिरने से ठंड फिर पकडऩे लगी जोर, उद्यानिकीय फसल पर मौसम का विपरीत प्रभाव

ठंड का यूटर्न: छह हजार हेक्टेयर में खड़ी लहसुन की फसल पर संकट के बादल

ठंड का यूटर्न: छह हजार हेक्टेयर में खड़ी लहसुन की फसल पर संकट के बादल

सीहोर। वेस्टर्न डिस्र्टबेंस के चलते मौसम ने यूटर्न लिया है। तापमान में गिरावट दर्ज होने से ठंड रफ्तार पकड़ेगी। रविवार से इसकी शुरूआत हो गई है। शहर का न्यूनतम तापमान 13 और अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस रेकार्ड किया गया है। 11 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही उत्तर-पश्चिमी हवा ठिठुरने को मजबूर कर रही है। इस मौसम का विपरीत प्रभाव लहसुन की फसल पर देखा जा रहा है। कई जगह लहसुन की फसल सूखने लगी है।

आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि आगे रात का पारा 6 डिग्री तक आएगा, जिससे ठंड में इजाफा होगा। घना कोहरा छाने की स्थिति बनेगी। इससे गेहूं, चना, मसूर फसल में नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। फसल इस समय फल और फूल पर है और ऐसे में तेज ठंड पड़ी तो खराब हो जाएगी। पिछले दिनों की तेज ठंड से आष्टा क्षेत्र के दुपाडिय़ा, मालीखेड़ी, मूंदीखेड़ी, काजीखेड़ी आदि गांवों में लहसुन फसल को नुकसान हुआ है। लहसुन की पत्ती सूखने से फसल खराब तक हो गई, जिसका असर सीधे उत्पादन पर पड़ेगा।

जिले में छह हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा
उद्यानिकी विभाग के अनुसार जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर में लहुसन-प्याज लगाई गई है। इसमें 6 हजार लहसुन और 6 हजार ही प्याज का रकबा है। एक हेक्टेयर (ढाई एकड़) जमीन से 75 क्विंटल और प्याज की 250 क्विंटल के हिसाब से पैदावार होती है। इस हिसाब से लहसुन का 4 लाख 50 हजार और प्याज का 15 लाख क्विंटल का सलाना उत्पादन होता है।
उद्यानिकी फसल हुई थी प्रभावित
दिसंबर और जनवरी महीने की शुरूआत में रात का पारा छह डिग्री से नीचे चला गया था। उस समय गेहूं, चना, मसूर फसल को फायदा हुआ था, लेकिन उद्यानिकी मटर, टमाटर, बैंगन आदि में नुकसान हुआ। इससे किसान चिङ्क्षतत नजर आ रहे हैं। मालीखेड़ी के किसान कृपाल मेवाड़ा ने बताया कि खरीफ फसल खराब होने के बाद रबी में यही हाल रहे तो बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी।

एक नजर में खेती और किसान
– 394000 हेक्टेयर रबी का रकबा
– 40831 उद्यानिक फसल का रकबा
– 318000 जिले में रजिस्ट्रेड किसान
– 30000 हेक्टेयर जैविक खेती का रकबा
– 15000 किसान करते हैं उद्यानिकी की खेती

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