मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लाड़कुई में अब 30 कमरों का महाविद्यालय भवन बनकर तैयार है। इससे लाड़कुई सहित आस-पास के बच्चों की कॉलेज की पढ़ाई आसान हो जाएगी। अब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सीहोर, नसरूल्लागंज अथवा भोपाल नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं शासन द्वारा प्रदान की जाएंगी।
अगले वर्ष से बी.एससी. और बी.कॉम कक्षाएं भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से लाड़कुई महाविद्यालय में बीएससी एवं बीकॉम की कक्षाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल भवन नहीं बल्कि शिक्षा का मंदिर है, इसकी देखभाल आप सभी को करनी है। उन्होंने बच्चों के सुनहरे भविष्य की कामना की। गांव में दशहरा मैदान बनाए जाने की मांग पर विचार किए जाने का आश्वासन भी दिया। बता दें कि मध्यप्रदेश में आदिवासी इलाकों में सरकार कॉलेज खोल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से लाड़कुई महाविद्यालय में बीएससी एवं बीकॉम की कक्षाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल भवन नहीं बल्कि शिक्षा का मंदिर है, इसकी देखभाल आप सभी को करनी है। उन्होंने बच्चों के सुनहरे भविष्य की कामना की। गांव में दशहरा मैदान बनाए जाने की मांग पर विचार किए जाने का आश्वासन भी दिया। बता दें कि मध्यप्रदेश में आदिवासी इलाकों में सरकार कॉलेज खोल रही है।