आरएके कृषि महाविद्यालय के मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हो रही बर्फबारी के कारण शीत लहर का प्रकोप देखा जा हा है। तापमान में गिरावट लगातार गिरावट होने से ठंड का असर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह के समय हवाओं की रफ्तार एक किलोमीटर प्रति घंटे रिकॉर्ड की गई, जिसके कारण सुबह के समय कोहरे के आसार बने, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, हवाओं की गति पांच किलो मीटर प्रति घंटे हो गई, जिसके कारण साढ़े सात बजे के बाद धुंध छट गई।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. तोमर ने बताया कि मौसम का असर रबी सीजन की फसलों पर काफी दिखाई दे रहा है। चना, गेहूं और मसूर में कटुआ कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। किसान उपचार के लिए इमिडाक्लोप्रिड़ 100 मिली प्रति एकड़ की दर से 150-200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इमामेक्टिन बेन्जोएट 100 ग्राम प्रति एकड़ दवा का छिड़काव भी किया जा सकता है। गेहूं की फसल में जड़ माहू व तंबाकू इल्ली का प्रकोप होने पर किसान इमिडाक्लोप्रिड़ 100 मिली प्रति एकड़ व इमामेक्टिन बेन्जोएट 100 ग्राम प्रति एकड़ दवा को मिश्रित कर छिड़काव करें। चना व अरहर फसल में नियंत्रण के लिए इमामेक्टीन बेन्जोएट 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।