सीहोर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोर के संचालक मंडल की तरफ से किसानों को ओवरड्यू होने से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। किसानों के पक्ष में यह कवायद पिछले तीन साल से बर्बाद हो रही रबी और खरीफ की फसल को लेकर लिए गए हैं। बैंक के संचालक मंडल की इस पहल को लेकर अब किसानों को 15 जून तक सिर्फ रबी सीजन के लिए बैंक से लिए गए ऋण की किश्त जमा करनी होगी।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की अध्यक्ष उषा सक्सेना ने बताया कि बैंक द्वारा किसानों को खरीफ, रबी के लिए ऋण दिया जाता है। किसानों को ऋण की राशि एक साथ जमा करनी होती है। लेकिन पिछले तीन साल से लगातार किसान की फसल बर्बाद हो रही है। किसान की फसल बर्बाद होने से आर्थिक संकट पैदा हो गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान एक साथ बैंक का ऋण जमा करने में असमर्थ है, जिसे लेकर एक लाख 14 हजार किसानों में से 80 फीसदी किसानों के ओवरड्यू होने की संभावना है। सहकारी केन्द्रीय बैंक की अध्यक्ष सक्सेना ने बताया कि किसानों को ओवरड्यू होने पर बैँक को 0 प्रतिशत की बजाए 15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
किसानों को इस आर्थिक मार से बचाने के लिए बैंक ने निर्णय लिया है कि 15 जून तक किसानों से सिर्फ रबी सीजन के लिए दिए गए ऋण की वसूली की जाएगी। खरीफ सीजन के लिए बेंैक से लिए गए ऋण की राशि किसान 15 दिसंबर तक जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा खरीफ और रबी की ऋण राशि में भी 30 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। अभी तक खरीफ सीजन में किसानों को 16 हजार 338 और रबी सीजन में 21 हजार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ऋण दिया जाता था, लेकिन अब बैंक खरीफ फसल के लिए 29 हजार और रबी के लिए 28 हजार 876 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ऋण उपलब्ध कराएगी।