पुलिस के अनुसार बजरंग चौराहा गंज निवासी 30 वर्षीय दीपक पिता रामचरण राठौर 12 सितंबर की सुबह अपने कक्ष में फांसी पर झूलता हुआ मिला था। पुलिस ने बताया कि दीपक 11 सितंबर को घर के दूसरी मंजिल पर बने कमरे में सोने गया था। इसके बाद सुबह जब नीचे नहीं आया तो परिजनों ने कमरे में जाकर देखा तो दीपक फांसी पर लटका हुआ था। जिसे तुरंत जिला अस्पताल लाए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
पुलिस को हो गया था शक
मृतक जिला पंचायत में कंप्यूटर आपरेटर पद पर कार्यरत था। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया था। बताया जाता है कि १२ सिंतबर की देर रात को ही पुलिस ने मृतक दीपक राठौर के छोटे भाई देवेन्द्र राठौर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, पुलिस को घटना स्थल का अवलोकन करते समय ही शंका हुई थी। बताया जाता है कि जब घर के लोगों ने ऊपर जाकर देखा तो हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई, तब देवेन्द्र सोकर उठा और बाहर आया तो उसके हाव भाव सहज नहीं थे।
सर पर थे चोट के निशान
परिजनों और आसपास के लोगों ने भी दबी जुबान से इस बात को स्पष्ट किया था कि देवेन्द्र अपने बड़े भाई द्वारा दी जाने वाली सीख से नाराज रहता था। इसके अलावा मृतक के सिर पर चोंट के निशान होने के कारण मामला फांसी का नहीं लग रहा था। पुलिस ने जब देवेन्द्र को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ कि तो आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि मेरे द्वारा कोई काम नहीं किया जाता था जिससे तंग आकर वो बार बार काम धंधा करने के लिए टोका करते थे जो मुझे पसंद नहीं आता था।
साड़ी की फाल से दबाया था बड़े भाई का गला
इसी बात को लेकर नाराज होकर 11 सितम्बर की रात को जब दीपक ऊपर के माले पर स्थित कमरे में सो रहा था, तब मैं दबे पांव से भीतर गया और अलमारी के समीप रखी पेटी में से साड़ी का फाल निकाल कर उसका गला दबा दिया तभी उसकी नींद खुल गई उसने विरोध भी किया जिससे ही पलंग से उसके सिर पर चोंट आ गई। पुलिस ने आरोपी देवेन्द्र के खिलाफ हत्या का मामला कायम कर लिया है।