एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं और दूसरी तरफ नगर पालिका ने शहर की नाली और खाली प्लाट में पनप रहे मच्छरों को मारने के लिए फोगिंग तक नहीं कराई है। सुरक्षा की दृष्टि से सीजन में सिर्फ एक बार जिला प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। नगरीय निकाय तक को सख्ती से यह आदेश नहीं दिए गए हैं कि वह नगर में सुरक्षा की दृष्टि से मच्छरों को खत्म करने के लिए नालियों की सफाई कराए और खाली प्लाटों में भरे पानी की निकासी के इंतजाम करें।
गाइड लाइन का पालन कर रोकें डेंगू
जिले में 9 अगस्त से अभी तक डेंगू के 13 पॉजीटिव मरीज मिल चुके हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से नगरीय निकाय, ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन की तरफ से कोई सख्ती नहीं दिखाई गई है। नगर पालिका प्रबंधन खाली प्लाट में कचरा और पानी जमा होने पर अफसर जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं। जिला प्रशासन चाहे तो बार-बार नोटिस देने के बाद भी नहीं सुधरने वाले प्लाट मालिकों के खिलाफ प्लाट राजसात करने की कार्रवाई तक कर सकता है। सीहोर शहर में नगरीय प्रशासन की गाइड लाइन तक का पालन नहीं हो रहा है, जिसके कारण लगातार मच्छर पनप रहे हैं।
विभाग के पास जिले के लिए सिर्फ चार फागिंग मशीन
सीहोर जिले में आठ ब्लॉक हैं। मलेरिया अमले के पास मौजूदा संसाधन की बात करें तो हर ब्लॉक में एक-एक फागिंग मशीन भी नहीं है। अमले में पास 12 कर्मचारी, 4 फाङ्क्षगग मशीन, 32 गणेश (स्प्रे) पंप, 6 नेपसेक पंप, दो जगह (सीहोर व बुदनी) में गंबूशिया मछली संचय है। हर ब्लॉक में 5 कर्मचारियों की और जरूरत है, लेकिन यहां तो जिलेभर में सिर्फ 12 कर्मचारी हैं।
सुरक्षा के लिए खुद करें बचाव
– अपने घर के आसपास रखे कंटेनर की नियमित सफाई करें।
– घर और दुकान की छत पर टायर नहीं रखें।
– घर के आसपास गंदा पानी एकत्रित नहीं होने दें।
– बुखार आने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएं।
वर्जन….
– जिला अस्पताल में डेंगू और चिकनगुनिया के लिए जो कक्ष बनाया गया है, वह पूर्णत: आरक्षित है। यदि उसमें डॉक्टर किसी मरीज को ड्रिप लगा रहे हैं तो रोका जाएगा।
डॉ. आनंद शर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल सीहोर