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एक साल में साढ़े सात हजार परिवार बने लखपति, अब कलेक्ट्रेट में खुला दीदी कैफे

locationसीहोरPublished: Jan 12, 2021 10:00:27 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

जिले में आजीविका मिशन के साढ़े चार हजार समूह, 53 हजार महिला बनी आत्मनिर्भर

एक साल में साढ़े सात हजार परिवार बने लखपति, अब कलेक्ट्रेट में खुला दीदी कैफे

एक साल में साढ़े सात हजार परिवार बने लखपति, अब कलेक्ट्रेट में खुला दीदी कैफे

सीहोर. कलेक्ट्रेट में सोमवार से जिले का पहला दीदी कैफे खुल गया है। अब कलेक्ट्रेट में जो भी सरकारी बैठक, सेमिनार आदि होंगी, उनमें दीदी कैफे से ही चाय-नाश्ते की सप्लाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने यह पहल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।
जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह ने बताया कि आजीविका मिशन के तहत जिले में साढे चार हजार महिला समूह का गठन किया गया है। इन समूह से करीब 53 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। समूह के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने सात करोड़ रुपए और 13 करोड़ रुपए बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया गया है। सीइओ ने बताया कि साल 2020 में किए गए सर्वे के सामने आया है कि एक साल पहले इन 53 हजार परिवार में से करीब साढ़े सात हजार परिवार लखपति क्लब में जुड़े हैं। समूह के माध्यम से इनकी सालाना आय 45 हजार से बढ़कर एक लाख रुपए हो गई है। उन्होंने बताया कि समूह के माध्यम से जिले में कई नवाचार किए गए हैं, जिनमें दीदी कैफे भी एक नवाचार है, जिसका सोमवार को कलेक्ट्रेट में शुभारंभ किया गया है।

कैफे खोलने 25 हजार का लिया है ऋण
सीहोर कलेक्ट्रेट परिसर में दीदी कैफे का संचालन दुर्गावती आजीविका संकुल स्तरीय संघ के द्वारा किया जाएगा। इसके संचालन के लिए समूह को 25000 की राशि का ऋण उपलब्ध कराया गया है। कुछ राशि समूह ने स्वयं मिलाई है। जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह ने बताया कि दीदी कैफे हर जिले में खेले जा रहे हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह पहल मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश में की जा रही है।

कैफे पर मिलेंगी जूट बेग और गोनाइल
कलेक्ट्रेट में दीदी कैफे का शुभारंभ कलेक्टर अजय गुप्ता और जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह ने किया। इस दौरान कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि महिलाओं की आय में वृद्धि करने के लिए शासकीय कार्यालयों में होने वाली मीटिंग, प्रशिक्षण, सेमिनार आदि के लिए चाय एवं नाश्ते के आर्डर भी आजीविका के दीदी कैफे पर दिए जा सकते हैं। यहां पर समूह द्वारा निर्मित अगरबत्ती, जूट बेग, साबुन, गोनाइल आदि भी मिलेंगे।

एक नजर में समूह की गतिविधियां
– 30 परिवार औषधि खेती
– 1750 परिवार सब्जी की खेती
– 23 परिवार दूग्ध उत्पादन
– 850 परिवार बकरी पालन
– 500 परिवार मछली पालन
– 559 परिवार सिलाई
– 55 परिवार झाडू निर्माण
– 57 परिवार कियोस्क सेंटर संचालन

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