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छुट्टी के दिन पुलिस के साए में खाद का वितरण

locationसीहोरPublished: Oct 25, 2021 08:14:18 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

जिले के खाद के संकट के चलते किसान बाजार से खरीदने मजबूर

छुट्टी के दिन पुलिस के साए में खाद का वितरण

छुट्टी के दिन पुलिस के साए में खाद का वितरण

सीहोर. जिले में खाद संकट किस तरह गहरा रहा उसकी बानगी रविवार को अहमदपुर क्षेत्र की चरनाल सेवा सहकारी समिति (सोसायटी) में देखने को मिली। यहां अवकाश के दिन भी किसान पहुंचे तो प्रबंधक को सोसायटी खोल पुलिस की निगरानी में खाद वितरण करना पड़ी। सोसायटी से किसानों को एक एकड़ पर एक बोरी डीएपी और तीन बोरी एसएसपी की मिली, जबकि यूरिया की एक भी बोरी नहीं मिलने से परेशान होकर मायूस लौटना पड़ा।सोसायटी से दिनभर में 200 किसानों को खाद बांटा गया। चरनाल सोसायटी में खाद नहीं मिलने से नाराज किसानों ने 21 अक्टूबर को हंगामा किया था। पुलिस, प्रशासन ने मौके पर पहुंच किसानों को समझाइश देकर हंगामा समाप्त कराया, लेकिन खाद वितरण शुरू नहीं हुआ था।शनिवार को खाद आई तो दिनभर में टोकन के जरिए 150 किसानों को खाद दिया गया। रविवार को अवकाश के चलते सोसायटी बंद रहना थी, लेकिन किसान सुबह से खाद लेने पहुंच गए।सोसायटी प्रबंधन ने किसानों को टोकन देकर लिस्ट बनाई और उसे बाहर चस्पा कर नंबर आने पर बुलाकर खाद की बोरियां दी गई।

पुलिस के जवान लगे व्यवस्था संभालने
सोसायटी में खाद लेने करीब 250 से अधिक किसान पहुंचे थे, लेकिन दिनभर में 200 किसानों को ही खाद वितरण हुआ।पुलिस जवानों को तैनात किया था, जिससे काफी हद तक शांति व्यवस्था बनी रही।सोसायटी में यूरिया नहीं होने से इसे लेने आए किसानों को मायूस भी लौटना पड़ा।प्रबंधन की माने तो सोसायटी में 400 टन डीएपी की डिमांड भेजी थी, जिसमें 250 टन आया है। इसी तरह 500 की जगह 100 टन यूरिया और 400 जगह 175 टन एसएसपी खाद ही आया है।

बाजार से खरीद रहे खाद
जिले की कई सोसायटियों में पर्याप्त खाद नहीं पहुंचने से किसान डीएपी, एसएसपी, यूरिया बाजार से खरीदने मजबूर हैं। बाजार में भी यूरिया का संकट बना हुआ है।आष्टा क्षेत्र में तो हालत यह बन गए कि किसान दुकानों पर इसकी बुकिंग तक करा रहे हैं। जिससे कि दुकान पर खाद आने के बाद उनको समय पर मिले और परेशान नहीं होना पड़े।यूरिया की अभी जरूरत नहीं है, लेकिन बोवनी बाद सिंचाई के समय इसकी बहुत आवश्यकता लगेगी। उस दौरान परेशानी नहीं हो उसे देखते हुए भी किसान अभी से व्यवस्था करने में जुटे हैं।

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